सिटी पोस्ट लाइव, गुमला: सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को डॉग स्क्वायड के माध्यम से चैनपुर थाना क्षेत्र स्थित वकोचागानी व केरागानी जंगल के बीच से जमीन में बिछाए गए तीन आईईडी बरामद किया। इसके बाद तीनों आईईडी को देर शाम जंगल में ही विस्फोट कर डिफ्यूज कर दिया गया। बम डिफ्यूज के दौरान पूरा इलाका थर्रा उठा। ग्रामीणों ने एक-एक कर तीन धमाके की जोरदार आवास सुनी। एसपी हृदीप पी जनार्दन ने आईईडी मिलने की पुष्टि की है। एसपी ने कहा कि पुलिस को क्षति पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने कई जंगलों में आईईडी बिछा रखा है। इन विस्फोटकों की चपेट में आने से पूर्व में दो जवान घायल हो चुके हैं। एक डॉग शहीद हो चुका है। वहीं, दो ग्रामीण भी घायल हो चुके हैं। जबकि एक ग्रामीण की मौत तक हो चुकी है। एसपी ने कहा कि अभियान अभी जारी रहेगा। इस दौरान नक्सलियों और आईईडी की तलाश में कोई कसर नही छोड़ा जाएगा।
एसपी ने कहा कि बुधेश्वर करीब 20 सालों से गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, लातेहार व छत्तीसगढ़ के बॉर्डर इलाके में सक्रिय था। उसके मारे जाने के बाद एक तरह से नक्सलियों का वर्चस्व समाप्ति की ओर आ गया है। बुधेश्वर ही संगठन को रीढ़ बनकर मजबूती प्रदान किए हुए था। उसके मारे जाने के बाद अब जिले में कोई बड़ा नक्सली नेता नहीं बचा है। अब सिर्फ रविन्द्र गंझू, रंथू उरांव व लजीम अंसारी 10-12 साथियों के साथ क्षेत्र में बचे हैं। इनमें रविन्द्र गंझू का कार्य क्षेत्र लोहरदगा का इलाका है। वह सिर्फ छिपने के लिए इस जिले में आता है। उसकी भी तलाश जारी है।
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