सिटी पोस्ट लाइव, गिरिडीह: गिरिहीह और जमुई इलाके में नक्सली आंतक का पर्याय माने जाने वाले भाकपा माओवादी सगंठन के जेल में बदं हार्डकोर इनामी नक्सली सुरंग दा समेत तीन नक्सलयों के खिलाफ जिले के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने आर्म्स और विस्फोटक पदार्थ एक्ट के तहत अभियोजन की स्वीकृति दी है। साल 2017 में संरेडर किये गिरिडीह-जमुई के इनामी माओवादी सुंरग यादव उर्फ अजीत समेत तीन माओवादियों के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ और आर्म्स एक्ट अधिनियम के तहत अभियोजन चलाने की स्वीकृति दी गई है। बताया गया कि जिन तीनों के खिलाफ एपीपी राजीव चौधरी से सुझाव मिलने के बाद डीसी गिरिडीह ने अभियोजन चलाने की स्वीकृति दी है, उनमें नक्सली श्मशुदीन और वसीर शामिल हैं।
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जानकारी के अनुसार हार्डकोर माओवादी वसीर दा जहां गिरिडीह जिले के सेन्ट्रल जेल में बंद है। वहीं, नक्सली सुंरग ने साल 2017 में जमुई पुलिस के समक्ष संरेडर किया था, जबकि श्मसुद्दीन अंसारी फिलहाल पुलिस गिरफ्त से बाहर है। बताया जा रहा है कि हाल ही में गिरिडीह पुलिस ने वसीर दा को भेलवाघाटी थाना क्षेत्र से दबोचा था। इसके बाद से अब तक जेल में बंद है। जेल में रहते हुए वसीर के खिलाफ आर्म्स एक्ट और विस्फोटक पद्धार्थ अधिनियम के तहत केस चलाया जाएगा।
वसीर के खिलाफ भेलवाघाटी में कई नक्सली केस दर्ज हैं। वहीं, सुंरग यादव के खिलाफ गिरिडीह जिले के भेलवाघाटी, तिसरी और देवरी व गांवा के इलाके में चार मामले दर्ज हैं, जिसमें भेलवाघाटी के मुखिया प्रभावती बरनवाल के बेटे सुभाष वर्णवाल समेत ग्रामीण श्याम सुंदर पंडित की हत्या का मामला शामिल है। इसी हमले में मुखिया का बेटा और पति रंजीत वर्णवाल और गौरीशंकर वर्णवाल गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। इसके अलावा एक अन्य केस झारखंड के गिरिडीह में कैदी वाहन पर हमला कर माओवादियों को छुड़ाने का दर्ज है। उस वक्त कैदी वाहन पर हमला करने से पहले सुंरग दा ने ही अपने साथियों से वाहन की रेकी करायी थी। कैदी वाहन पर हमला कर नक्सली संगठन के गिरिडीह-जमुई के सबसे बड़े माओवादी प्रवेश दा को छुड़ाकर ले गया था। ऐसे में माना जा रहा है कि जमुई जेल बदे सुंरग दा को जल्द ही रिमांड पर गिरिडीह पुलिस ले सकती है।
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