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ऑफिसर शाही का बढ़ा क्रेज, डीसीएलआर कोर्ट के आदेशों की उड़ाई धज्जियां

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सिटी पोस्ट लाइव: नीतीश कुमार के शासनकाल में काफी ऑफिसर शाही का क्रेज बढ़ा हुआ है. यह ऑफिसर शाही का मामला तब सामने आई, जब डीसीएलआर न्यायालय के आदेशों के नौ साल बीत जाने के बाद भी पालन नहीं किया गया. सदर अनुमंडल में पोस्टेड डीसीएलआर ने 2012 में एक ऑर्डर किया था कि पर्चा दाखिल करने वाले व्यक्तियों को सीमांकन करवाया जाये. लेकिन उसकी आदेशों का आज नौ साल बीत रहा है और सरकारी बाबू उनके ऑर्डर के नाम पर धज्जियां उड़ाने में लगे हुए है.

दरअसल, मधुबनी जिले के खजौली प्रखण्ड स्थित कन्हौली पंचायत में स्थित तीन भाइयों को 1969 में पर्चा दाखिल किया गया था. जिसके बाद ये तीन भाई उस जमीन पर आराम से अपना जीवन यापन करने थे. मगर एक दिन पड़ोसियों ने इनलोगों का जीना मुहाल कर दिया. कन्हौली पंचायत के आमोद कर्ण जो कि, इनके पिताजी के नाम पर सरकार ने पर्चा दाखिल कर दिया था. उस जमीन के नाम आमोद कर्ण को इंदिरा आवास योजना का लाभ मिला था. जिसके बाद इन्होंने उस जमीन पर अपना आशियाना बनाना शुरू कर दिया.

आशियाने धरातल से लेकर छत लेबल तक बन गया. उस समय तक कोई भी पड़ोसियों ने अपनी जमीन की बात नहीं बताया. मगर जैसी ही छत की ढलाई करने लगा तो पड़ोसियों ने हमला करना शुरू कर दिया. यहां तक कि आमोद कर्ण के चाचा को सिर भी धारदार हथियारों फाड़ दिया था. जिसके बाद यह इंदिरा आवास से बन रही आशियाने आजतक अधर में ही लटका हुआ है.

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