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सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी संगठनों का रेल-सड़क चक्का जाम

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: वर्ष 2021 के जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की मांग को लेकर रविवार विभिन्न आदिवासी संगठनों की ओर से रेल और सड़क चक्का जाम किया गया। प्रदर्शन रांची के निकट किता स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों द्वारा मालगाड़ी को रोकने की कोशिश की गयी। बाद में  मौके पर उपस्थित आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने प्रदर्शनकारियों को स्टेशन से हटाया। इस रेल-सड़क चक्का जाम कार्यक्रम का रांची समेत कुछ जिलों में आंशिक असर देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों ने जामताड़ा में भी ने ट्रेन को रोक दिया। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने लोगों को वहां से हटा दिया। वहीं आसनसोल कर्माटांड़ रेलखंड कशियाटांड़ हाल्ट पर आदिवासी सेंगल अभियान के कार्यकर्ताओं ने रेल चक्का जाम किया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सैकड़ों की संख्या में सेंगल अभियान के कार्यकर्ता रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को लेकर महिला-पुरुष और युवक-युवती सभी रेलवे ट्रैक पर उतर आए थे।

कंेद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि वर्षों से आदिवासी अपनी संस्कृति परंपरा बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हर हाल में आदिवासी 2021 में जनगणना में सरना धर्म कोड चाहते हैं। परंतु केंद्र सरकार आदिवासियों को सरना कोड देना नहीं चाहती है।   इसलिए आज 31 जनवरी को पांच राज्यों – झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और ओड़िशा में रेल-रोड चक्का जाम किया गया है। गौरतलब है कि सरना धर्म कोड को लेकर पिछले दिनों बुलायी गयी झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड अहम है. इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध भी है। विधानसभा द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है।

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