सिटी पोस्ट लाइव, रांची: आजसू सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने राज्य की हेमंत सरकार के सूर्योपासना का महापर्व छठ पर तालाब, डैम एवं नदियों में अर्ध्य देने पर रोक लगाने के फैसले को पूरी तरह से अव्यवहारिक, गैर जरूरी और छठ व्रतियों की आस्था पर कड़ा प्रहार करार दिया है। उन्होंने मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बगैर देरी किए अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कोविड-19 की आड़ में लोक आस्था और सामाजिक जुड़ाव के इस महापर्व छठ की मूल भावना को या तो भूल गए हैं या जानबूझकर भूलने का उपक्रम रच रहे हैं या घटक दल कांग्रेस व राजद के दबाव में इस तरह का फैसला लिए हैं।
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उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री हजारों की भीड़ में जनाजे में शामिल होते हैं। विधानसभा के उपचुनाव में लोगों के हुजूम में चुनावी सभा करते हैं और संपन्न उर्स मेला में जाकर लोगों की भीड़ में चादर पोशी करते हैं तो उन्हें कोविड 19 की गाइडलाइन का ध्यान नहीं रहता है, जो उनके द्वारा ही जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि जब सादगी, शुद्धता और लोक पक्ष की सुगंध का महापर्व छठ का समय आता है तो तालाब, नदी एवं डैम में अर्ध देने पर पाबंदी लगाते हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार धर्म के आधार पर फैसला ले रही है। बेहतर यही होगा मुख्यमंत्री छठ व्रतियों के मन को आहत करने और आस्था पर चोट पहुंचाने के बजाय अपनी हठधर्मिता को त्याग कर अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। यही उनके लिए श्रेयस्कर रहेगा।
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