सिटी पोस्ट लाइव : वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने महागठबंधन को बाय-बाय कह दिया है. सीट शेयरिंग से नाराज ‘सन ऑफ मल्लाह’ ने तेजस्वी यादव से नाता तोड़ लिया है. इससे पहले महागठबंधन की प्रेस कॉफ्रेंस को बीच में ही छोड़कर मुकेश सहनी निकल गये. जिसके बाद मुकेश सहनी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया. इतना ही नहीं राजद पर बड़े आरोप लगाते हुए कहा कि तेजस्वी जिसे कोई भी नेता नहीं मानता है, उन्होंने पिछड़ी जातियों का अपमान किया है. उन्होंने पीठ पर छुरा घोंपने का काम किया. वहीं अब खबर ये है कि सहनी आज प्रेस कांफ्रेंस कर बड़ा ऐलान करने वाले हैं. महागठबंधन तो उन्होंने शनिवार की शाम ही छोड़ दिया था. लेकिन अब वो क्या करेंगे ये सस्पेंस बरकार रखा. जिसका खुलासा वो आज करेंगे.
बता दें सूत्रों के हवाले से जो खबर है उसके मुताबिक मुकेश सहनी को NDA ने भी 20 सीटों का ऑफर दिया है. हालांकि अभीतक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि क्या सच में उन्हें ऑफर मिला है या बस ये अफवाह है. यदि NDA में मुकेश सहनी शामिल भी हो जाते हैं तो उन्हें 20 सीटें किसके खाते से जायेंगे. क्योंकि सीटों को लेकर चिराग पासवान ने पहले ही पेंच फंसाया हुआ है. वे 36 से कम पर बिल्कुल समझौता नहीं करने वाले हैं. ऐसे में क्या जदयू एक विकल्प के रूप में सहनी को देख रही है. हालांकि मांझी को जदयू ने शामिल कर पहले ही मंशा साफ़ कर दी थी कि चिराग पार्टी में रहे या न रहे, दलित वोट मांझी लाकर देंगे. लेकिन भाजपा ऐसा बिल्कुल नहीं चाहती है. कि चिराग NDA से अलग हो. यही कारण है कि शनिवार दिनभर भाजपा नेताओं की मैराथन बैठक चली. लेकिन नतीजा अब भी वहीं की वही है.
देखना खास होगा कि मुकेश सहनी किसकी तरफ जाते हैं या अकेले चुनाव लड़ने का जोखिम उठाते हैं. जहीर है महागठबंधन से मुकेश साहनी सीट शेयरिंग के ऐलान के बाद खासे नाराज हो गए. साहनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच ही महागठबंधन छोड़ने का ऐलान भी कर दिया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुकेश साहनी ने कहा कि जो हमारे साथ अभी हो रहा है वह कहीं न कहीं पीठ में छुरा घोंपने जैसा है.मैं इस गठबंधन से बाहर जा रहा हूं और कल मीडिया को संबोधित करूंगा. बताते चलें कि महागठबंधन ने सीटों का बंटवारा कर दिया है. इस विधानसभा चुनाव में आरजेडी 144 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, तो वहीं कांग्रेस के खाते में 70 सीटें होंगी. साथ ही एक बल्मिकिनगर की लोकसभा सीट भी राजद ने कांग्रेस की ह्होली में डाला है. वहीं सीपीआई के खाते में 6, सीपीआईएम को 4 और सीपीआईएमएल (माले) को 19 सीटें मिली हैं.
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