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तेजस्वी यादव के हर निर्णय के पीछे लालू प्रसाद की रहती है सहमति

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड की राजधानी रांची सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) निदेशक के खाली पड़े बंगले को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद के इलाज के लिए केबिन के रूप में तब्दील किया गया है और चिकित्सकों की टीम लगातार उनके स्वास्थ्य जांच में जुटी है। वहीं बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इन दिनों रिम्स निदेशक के केली बंगले ईद-गिर्द प्रतिदिन सैकड़ों आरजेडी नेताओं-कार्यकर्त्ता मंडराते नजर आ जाते है। बहुचर्चित चारा घोटाले के तीन मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव से जेल मैनुअल के मुताबिक सप्ताह में सिर्फ तीन लोगों को मिलने की अनुमति दी जा सकती है, इसके बावजूद बिहार के विभिन्न सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आये आरजेडी नेता-कार्यकर्त्ता खुद के लिए या अपने किसी चेहते के लिए टिकट की पैरवी को लेकर लालू प्रसाद यादव तक अपनी  बात पहुंचाने के प्रयास के जुगत में लगे रहते है। प्रत्यक्ष तौर पर तो ये नेता-कार्यकर्त्ता लालू प्रसाद से मुलाकात की बात से  इनकार करते है, लेकिन ऑफ द रिकॉर्ड बात करने पर यह दावा करते है कि उन्होंने अपनी बात पार्टी के शीर्ष नेता तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त कर ली है।

बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण को लेकर नामांकन दाखिल करने का काम प्रारंभ हो चुका है, लेकिन अब तक टिकटों का बंटवारा नहीं हो पाने और गठबंधन का स्वरूप तय नहीं हो पाने के कारण केली बंगला में इलाजरत लालू प्रसाद से मिलने की कोशिश में लगे नेता-कार्यकर्त्ता समय रहते उनका आशीर्वाद प्राप्त कर लेना चाहते है। एक जमाने में एकीकृत के सबसे जनाधार वाले नेता के रूप में स्थापित लालू प्रसाद यादव की पकड़ अब भी पार्टी में मजबूत बनी हुई है। प्रत्यक्ष तौर पर भले जी तेजस्वी यादव ही गठबंधन के स्वरूप और उम्मीदवारों के चयन के मसले पर रणनीति बनाने में जुटे है, लेकिन लालू प्रसाद के करीबी आरजेडी नेताओं का कहना है कि पार्टी में अब भी लालू प्रसाद की इच्छा के विरूद्ध कोई भी काम नहीं किया जा सकता है। तेजस्वी के हर निर्णय के पीछे लालू प्रसाद की सहमति रहती है और यह भी दावा किया जाता है संचार के इस आधुनिक युग में तेजस्वी भी अपने पिता से लगातार संपर्क में रहते है। दूसरी तरफ जेल प्रशासन और रिम्स प्रबंधन की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि पूरी तरह से जेल मैनुअल और कानून का सख्ती से पालन हो रहा है। केली बंगले की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है और बिना इजाजत किसी को भी लालू प्रसाद से मिलने की अनुमति नहीं है। जेल आईजी के पत्र में बाद रांची जिला प्रशासन की ओर से केली बंगले में तीन दंडाधिकारियों की भी प्रतिनियुक्ति की गयी है, इसके बावजूद अपने नेता से मिलने के लिए बिहार से आने वाले आरजेडी नेताओं-कार्यकर्त्ताओं के रांची पहुंचने का सिलसिला जारी है।

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