सिटी पोस्ट लाइव, किशनगंज: बिहार के सीमावर्ती किशनगंज जिला अंतर्गत चार विधानसभा में कोचाधामन ,बहादुरगंज , ठाकुरगंज एवं किशनगंज विधानसभा के राजनीतिक सरगर्मी तेज हो चुकी है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) एवं महागठबंन के घटक दलों में पार्टियों के नेताओं ने अपने -अपने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को दावेदारी पेश कर दिया है लेकिन सभी पार्टियों के आसन्न विधानसभा चुनाव में दावेदारी के लिए लंबी फेहरिस्त हैं। किशनगंज विधानसभा के उपचुनाव बिहार में एआईएमआईएम पार्टी के टिकट पर नेता कमरूल होदा को विधायक बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और बिहार में एआईएमआईएम पार्टी का खाता भी खुल चुका है । इसीलिए इन दिनों पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल इमान ने यहां के चारों सीटों पर चुनाव लड़ने के अलावे उतर बिहार के उन सीटों के लिए भी प्रत्याशी खड़ा करने की बात कहीं जा रहीं कि जहां पर मुस्लिम मतदाताओं की तायदाद ज्यादा है । इसीलिए खासकर किशनगंज जिले में चारों विधानसभा सीटों पर इस बार कोरोना काल में चुनाव त्रिकोणीय मुकाबला होने की आसार भी प्रबल है।
किशनगंज विधानसभा सीट से पुनः वर्तमान विधायक कमरूल होदा ही चुनाव लड़ेगे यह भी तय माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी का यह परम्परागत सीट है इसीलिए चुनाव लड़ना तय है ।कांग्रेस भी इस सीट से कोई नए एवं मजबूत प्रत्याशी के तालाश में है। बाहदुरगंज विधानसभा सीट पर एआईएमआईएम के दो नए नेता एक जो जाप छोड़ने के बाद इस पार्टी का दामन थामे हैं वहीं दुसरे नेता जो सोशल मीडिया में यहां के जन नायक बने थे वह भी शामिल होकर इसी सीट से चुनाव लड़ने का मन बना चुके है। मगर एआईएमआईएम पार्टी के शीर्ष नेतृत्व असरूद्दीन औबैसी का फैसला ही किसके पक्ष में होंगे यह अभी अनुमान लगाना संभव नही है । वहीं इस सीट पर महागठबंधन में भारतीय कांग्रेस पार्टी के नेता सह चार बार से लगातार विधायक बने रहने के बाद तौसिफ आलम की दावेदारी भी पक्की है। राजग के नेताओं ने अपने -अपने दावेदारी इस सीट पर है । भाजपाईयों की यह परम्परा गत सीट है।
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कोचाधामन विधानसभा सीट पर विगत दो बार के जदयू विधाधय मास्टर मुजाहिद आलम को टक्कर देने में एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल इमान कोई मजबूत प्रत्याशी को टिकट देंगे या नही खुद भी चुनाव मैदान में जा सकने की भी अटकलों से इनकार नही किया जा सकता है।क्योंकि उनका गृह क्षेत्र और पूर्व में राजद से तीन बार विधायक भी रह चुके हैं। इस सीट पर महागठबंधन में राजद की भी अपने दावेदारी माना जा रहा है। यह सीट भी त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। अब ठाकुरगंज विधानसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर राजग गठबंधन के जनता दल युनाइटेड के विधायक नौसाद आलम का कब्जा है । लेकिन अगर इस सीट पर लोजपा के खाते में नही गई तो यह तय माना जा रहा है कि पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल भी स्वतंत्र उमीदवार बनकर टक्कर दे सकते है। यहां भी तय है कि एआईएमआईएम पार्टी पिछले उचुपनाव में प्रत्याशी पहले बागी फिर घर वापसी असरूद्दीन को पार्टी का टिकट मिलना तय माना जा रहा है। इसलिए किशनगंज में विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुक़ाबला होगा।
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