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पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति समेत अन्य पर अधिवक्ता ने दर्ज कराया मुकदमा

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सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: दुष्कर्म के मामले में जेल से जमानत पर रिहा हुए पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। गायत्री प्रजापति पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला के अधिवक्ता दिनेश चंद्र त्रिपाठी ने गुरुवार को पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के अलावा महिला और उसकी बेटी समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। यह मुकदमा धोखाधड़ी, जालसाजी और धमकी के मामले में दर्ज हुआ है। वादी ने धोखाधड़ी ,जालसाजी के पुख्ता सबूत पुलिस को दिए हैं। 

बेनामी संपत्ति गायत्री ने कर दी महिला के नाम 
वकील का आरोप है कि गायत्री प्रजापति ने बिना पैसा लिए करोड़ों की बेनामी संपत्ति गायत्री ने महिला के नाम कर दी थी। इस मामले को रफा-दफा करने के लिए दुष्कर्म पीड़ित महिला और आरोपित के बीच करोड़ों का लेनदेन हुआ है। महिला को प्रजापति ने करोड़ों की जमीन देकर केस वापस करवाया है। गायत्री पर दुष्कर्म का केस लिखाने वाली महिला प्रॉपर्टी लिखने के बाद वकील को ही धमकाने लगी थी। 

महिला की तहरीर पर पुलिस ने रामसिंह को भेजा जेल
महिला ने बताया कि उसका और मंत्री से संबंध पिता और पुत्री की तरह है। उसने बताया कि मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और पूरी साज़िश रचने का काम उसके रामसिंह राजपूत का था। गायत्री को जमानत मिलने के दूसरे दिन ही क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर ने रामसिंह को गौतमपल्ली से  जेल भेजा दिया था।

पुलिस कमिश्नर ने किया निलंबित  

पुलिस ने पांच सितम्बर को राम सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इस मामले में पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने गौतम पल्ली थाना के इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह और क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अजीत सिंह को निलंबित कर दिया। रामसिंह की गिरफ्तारी में दोनों इंस्पेक्टर की भूमिका संदिग्ध मिली थी।

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