सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड में छत पर किचन गार्डनिंग की तरह लोग मछली पालन की शुरुआत भी कर रहे हैं। हजारीबाग में पहली बार छत पर मछली पालन का काम शुरू किया गया है। मछली के ग्रोथ को देखते हुए, उनके हौसले को पंख लगा और अब यही प्रक्रिया जमीन पर भी अपना रहे हैं। उनकी योजना आने वाले समय में ऐसे 15 पॉन्ड तैयार कर मछली उत्पादन करने की है।विस्मय अलंकार का कहना है कि एक बार लागत लगने के बाद महज 6 महीने में ही लागत वसूल हो जाती है और इसके बाद करीब करीब मुनाफा ही हो सकता है। बायोफ्लॉग विधि से किए जाने वाले मछली उत्पादन से न केवल लोगों को ताजी मछली खाने को मिल सकती है, बल्कि इसका व्यवसाय भी काफी अच्छे तरीके से कर सकते हैं।
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उनका मानना है कि एक बार व्यवस्था कर लेने के बाद इसमें देखभाल की कम जरूरत पड़ती है और दूसरा व्यवसाय करते हुए भी मछली उत्पादन किया जा सकता है। इस विधि से साल में दो फसल मछली का लिया जा सकता है। जिला मत्स्य पदाधिकारी रोशन कुमार ने शुक्रवार को कहा कि कम जगह में बायोफ्लॉग से मछली उत्पादन अच्छी विधि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी मछली उत्पादन के लिए बायोफ्लॉग के प्रचार प्रसार के लिए कार्य किया जा रहा है। निश्चित रूप से यह विधि लोगों की आय को बढ़ाने वाली साबित होगी।
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