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ई-मैनेजर्स की सेवा का विस्तार हो, बकाया का भुगतान हो: बाबूलाल

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ई मैनेजर्स की सेवा विस्तार करने की जरूरत है , साथ ही इनके लंबित वेतन का भुगतान भी अविलंब किया जाना चाहिए। बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोलिखेपत्र में बताया कि डिजिटल इंडिया के तहत डीईजीएस सोसाईटी के अन्तर्गत संविदा पर नियुक्त 332 ई-मैनजर्स के सेवा विस्तार एवं उनके लंबित मानदेय के भुगतान का मामला पिछलेकई महीनों से लंबित है।  सेवा विस्तार नहीं होने की वजह से इन्हें काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। ये दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।  उन्होंने बताया कि  जिलों में कैशलैस, ऑनलाईन सेवाओं एवं ई सर्विसेज के सशक्तीकरण के लिए ई मैनेजर, ई मर्चेंट मैनेजर, नेटवर्क मैनेजर, ब्लॉक लेबल ई मैनेजर   आदि पदों पर अनुबंध के आधार पर वर्ष-2017 में इन 332 ई-मैनजर्स की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की गई थी। इन सभी पदों के सृजन के प्रस्ताव को कैबिनेट के द्वारा अनुमोदित भी किया गया है।

इनका काम केन्द्र के महत्वाकांक्षी योजना डिटिजल इंडिया को गति देते हुए झारख्ांड सरकार द्वारा लागू ई-गवर्नेन्स प्रोजेक्ट में सरकारी कार्यालयों, बैंक एवं नेटवर्क प्रोवाइडर के बीच एक अहम कड़ी का भी है। 2017 में नियुक्ति के बाद इनकी सेवा लगभग दो वर्षो तक ली गई है। इस कार्य अवधि में इन्होंने अपने दायित्वों व जिम्मेवारियों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन किया है। 02 जुलाई 2019 से बजटीय उपबंध नहीं होने के कारण इनके सेवा विस्तार नहीं करने की बात सामने आ रही है। बाद में विभाग द्वारा 10 जुलाई 2019 को सभी उपायुक्तों को इन कर्मियों की आवश्यकता का मूल्यांकन कर इससे संबंधित प्रतिवेदन विभाग को सुपुर्द करने का निर्देश दिया गया। लगभग सभी जिलों केउपायुक्तों ने इन कर्मियों के कार्यो को प्रशंसनीय और जिलों में इनकी आवश्यकता होने की बात बताते हुए प्रतिवेदन विभाग को भेज भी दिया है। अब मामला कहां और क्यों फंसा हुआ है, यह जांच का विषय है।

बाबूलाल मरांडी ने बताया कि उन्हें यह जानकारी दी गयी है कि  मार्च 2019 तक इनको वेतन दिया गया है। जबकि 02 जुलाई, 2019 से इन्हें कार्यमुक्त किया गया है। इस प्रकार लगभग तीन माह का इनका पारिश्रमिक भी बकाया है। अभी वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के कारण इनकी आर्थिक स्थिति भयावह हो गई है। मानवता के नाम पर ही सही पहले इनका जो बकाया पारिश्रमिक है, सर्वप्रथम उसका भुगतान तो तत्काल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि  जब इन लोगोंने अपनी इसी समस्या केसंदर्भ मेंआपके नेता-प्रतिपक्ष रहते हुए आपसे मुलाकात की थी तब आपने राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों तक डिजिटल इंडिया को लागू करने में इनके अहम योगदान की जमकर सराहना की थी। अब मुख्यमंत्री बनने के बाद उस वक्त इनसे किये गए वादों को बिना विलम्ब किए निभाने की जरूरत है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इन युवाओं व प्रदेश की जनता के बीच यह संदेश जाना स्वाभाविक कि आपने केवल अपने राजनीतिक फायदे के लिए इनकी भावनाओं का इस्तेमाल किया। वह मरहम आपका महज एक राजनीतिक हड़कंडा भर था।

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