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यमुना, बेतवा नदियों की बाढ़ से बचाने को खर्च होंगे 8 करोड़ की धनराशि

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सिटी पोस्ट लाइव, हमीरपुर: हमीरपुर शहर को यमुना और बेतवा नदियों की बाढ़ से बचाने के लिये यहां दोनों नदियों के तट बंधों के कटान को रोकने के लिये बोल्डर लगाने के कार्य अब तेजी से कराये जा रहे है। अभी तक 45 फीसद निर्माण कार्य भी पूरे हो चुके है।हमीरपुर शहर यमुना और बेतवा नदियों से चारों ओर से घिरा है। बीच में ये शहर टापू की तरह दिखता है। दोनों नदियों के तटबंध बनाकर शहर को बाढ़ से सुरक्षित रखने के लिये एक दशक पहले निर्माण कार्य कराये गये थे इसके बाद भी पिछले वर्ष यमुना और बेतवा नदियों के उफनाने से शहर के अंदर बाढ़ का पानी घुस आया था जिससे भारी तबाही हुयी थी। कल्पवृक्ष के पास सीसी बंधा भी यमुना नदी की उफान से क्षतिग्रस्त हो गया था। अभियंताओं ने बालू की बोरियां भरकर पानी के रिसाव को रोकने का प्रयास किया था वहीं तमाम पंपिंग सेट लगाकर पानी को नदी में लिफ्ट किया गया था।
यमुना नदी पर 235 मीटर सीसी तटबंध बना है जिसके क्षतिग्रस्त होने पर मरम्मत के कार्य वर्ष 2008-09 में मिट्टी से कराया गया था। जो कटान के कारण तटबंध पिछले मर्तबा बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गया था। मौदहा बांध निर्माण विभाग ने वर्ष 2019-20 के लिये इस बंधे में सुरक्षात्मक कार्य कराये जाने के लिये कार्ययोजना शासन को भेजी थी जिसकी मंजूरी मिलते ही अब यहां तट बंधों को चौड़ा कर मिट्टी और बोल्डर के कार्य शुरू कराये गये है। बता दे कि शासन स्तर से बाढ़ के विशेषज्ञों ने आनलाइन मीटिंग कर अधिकारियों को बाढ़ से निपटने के लिये प्रशिक्षण भी दिया है। मौदहा बांध निर्माण खंड के अधिशाषी अभियंता एके निरंजन ने मंगलवार को बताया कि बाढ़ से निपटने और तैयारियां करने के लिये आनलाइन प्रशिक्षण कई दिनों तक चला। बता दे कि पिछले वर्ष यमुना और बेतवा नदियों के उफनाने से हमीरपुर शहर के अंदर बाढ़ का पानी भर गया था जिससे सैकड़ों की संख्या में मकान ढह गये थे। शहर से जुड़े तमाम इलाके और गांवों में बाढ़ से भारी तबाही हुयी थी। हालात हाथ से निकलते देख प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम को बुलवाया था।
हजारों साल पुराना कल्पवृक्ष भी होगा सुरक्षित 
यमुना नदी के किनारे एक विशाल कल्पवृक्ष लगा है जो हजारों साल पुराना है। हर साल यमुना नदी के उफनाने से कल्पवृक्ष के पास तटबंध में दरारें भी आ गयी है। इससे इस वृक्ष के नदी में समाने का खतरा मंडरा गया था। मौदहा बांध निर्माण खंड के अधिशाषी अभियंता ने बताया कि यमुना नदी के तटबंध पर कल्पवृक्ष के पास सुरक्षात्मक कार्य कराये जाने से ये वृक्ष भी सुरक्षा के दायरे में आ जायेगा। उन्होंने बताया कि सीसी बंधे में मिट्टी के कार्य कराकर इसे चौड़ा किया जा रहा है। इसके अलावा बोल्डर पत्थरों से पिंचिग बनाने के भी कार्य तेजी से कराये जा रहे है। कल्पवृक्ष से लेकर पतालेश्वर मंदिर तक तटबंध में 235 मीटर की लम्बाई में तकनीकी ढंग से मरम्मत के कार्य कराये जा रहे है।
लाँकडाउन में ही निर्माण कार्यों को मिली मंजूरी
मौदहा बांध निर्माण खंड हमीरपुर के अधिशाषी अभियंता एके निरंजन ने बताया कि यमुना नदी पर बने सीसी तटबंध की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण के कार्य लाँक डाउन के बीच प्रशासनिक मंजूरी के बाद शुरू कराये गये ताकि हमीरपुर शहर को बाढ़ से बचाया जा सके। पूर्व में ये तटबंध अत्यंत कमजोर था जिससे पिछले साल अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिन रात निगरानी और बाढ़ सुरक्षा के कार्य करके शहर को बाढ़ से बचाया था। उन्होंने बताया कि यमुना और बेतवा नदियों के तटबंधों में सुरक्षात्मक कार्य आठ करोड़ की लागत से कराये जा रहे है। अभी तक 45 फीसद से अधिक निर्माण कार्य हो चुके है। बेतवा नदी में डीडी बंध के कार्य भी कराये जा रहे है। यहां पचास फीसद  निर्माण कार्य हो चुके है।
नदियों की बाढ़ से निपटने की तैयारियां भी पूरी
मौदहा बांध निर्माण खंड के अधिशाषी अभियंता ने बताया कि हमीरपुर जनपद में नदियों की बाढ़ से निपटने के लिये हर स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गयी है। उन्होंने बताया कि बालू के 15000 बैग एवं अन्य सामग्री बास-बल्ली आदि की रिजर्व स्टाक की व्यवस्था की गयी है। बाढ़ की तैयारियों को लेकर मुख्य अभियंता (परि.बेतवा) हाल में ही यहां आकर निरीक्षण भी कर चुके है। अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव भी यमुना नदी में सीसी तट बंधों के सुरक्षात्मक कार्यों का जायजा लिया है। अधिशाषी अभियंता ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी मौदहा बांध निर्माण खंड में करने के साथ ही इसमें आठ-आठ घंटे की ड्यूटी करने के लिये कर्मियों की तैनाती भी कर दी गयी है।

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