सिटी पोस्ट लाइव, देवघर: देवघर झारखंड सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य में 31 जुलाई तक लॉक डाउन का निर्देश जारी कर दिया गया है। लॉक डाउन के दौरान सभी प्रकार के धार्मिक सांस्कृतिक राजनैतिक सभी प्रकार की आयोजन पर 31 जुलाई तक अब पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके पूर्व राज्य सरकार के द्वारा 30 जून तक राज्य के सभी धार्मिक स्थलों को बंद रखा गया था। लेकिन लॉकडाउन की अवधि को 31 जुलाई तक बढ़ाने के साथ ही 31 जुलाई तक राज्य के सभी धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। ऐसे में देवघर में 6 जुलाई से शुरू हो रहे विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला पर भी अब लगभग विराम लग गया है। हालांकि श्रावणी मेला को लेकर देवघर के तीर्थ पुरोहित समाज के साथ-साथ सभी शहरवासी अधिकांश लोग श्रावणी मेला इस बार नहीं लगने के पक्ष में हैं। सभी लोग इस बार सरकार से श्रावणी मेला नहीं लगाने की मांग कर रहे हैं।
लेकिन इसी बीच गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे श्रावणी मेला लगाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं। जिसकी सुनवाई 30 जून को होनी है। अब देखना है कि हाईकोर्ट इसमें अपना क्या निर्णय देती है। हाई कोर्ट लॉक डाउन की अवधि में मंदिर खोलने या श्रावणी मेला को लगाने की अनुमति देती है या इसे बंद रखने की अनुमति देती है। यह हाई कोर्ट पर ही निर्भर है। इधर कुछ दिनों से शहर में श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा शहर के कई जगहों में चेक पोस्ट बनाकर मंदिर आने से श्रद्धालुओं को रोकने की कोशिश की जा रही है । ताकि मंदिर के आसपास बाहरी लोगों की भीड़ ना लगे। यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि श्रावणी मेला में देश के विभिन्न हिस्सों से लोग आते हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण बढ़ने की अपार संभावना बनती है। इस कारण इस बार मेला नहीं लगाने की मांग सरकार से की जा रही है। पंडा धर्मरक्षिणी सभा अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा सभी इस बार मेला नहीं लगने के पक्ष में हैं।
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श्रावणी मेला नहीं लगने की स्थिति में पर्यटन विभाग के द्वारा इस बार देवघर एवं बासुकीनाथ में ई पूजा की भी तैयारी की जा रही है। ई-पुजा में भक्तों को घर बैठे हैं भगवान के दर्शन कराए जाने की योजना है। उपायुक्त नैंसी सहाय ने बताया है कि अगर ई पूजा आरंभ होती है तो श्रद्धालु सावन महीने के दौरान देवघर एवं बासुकीनाथ में विशेष रुप से ई-पुजा में शामिल हो सकेंगे। ई-पुजा पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इसके लिए पर्यटन विभाग के द्वारा अलग से पोर्टल तैयार किया जाएगा। पोर्टल पर बाबा मंदिर से विशेष ई पूजा का लाइव प्रसारण किया जाएगा। पोर्टल पर बाबा की विशेष पूजा के लिए बुकिंग की सुविधा देने पर विचार किया जा रहा है। वहीं श्रद्धालु पोर्टल के जरिए ही ई-पुजा की बुकिंग भी कर सकेंगे। इसके साथ ही पोर्टल के माध्यम से ही दान दक्षिणा भी दी जा सकेगी। अब देखना है कि 30 जून को हाई कोर्ट के द्वारा क्या निर्णय आता है।
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