सिटी पोस्ट लाइव, रांची: बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवम पूर्व आईपीएस अधिकारी डॉ अरुण उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन में आदिवासियों के प्रति थोड़ी भी संवेदना है तो झारखंड के वीर सपूत एवम अमर स्वतंत्रता सेनारी शहीद सिदो कान्हू के छठवें पीढी के वंशज स्व रामेश्वर मुर्मू की नृशंश हत्या की सीबीआई जांच की अनुशंसा राज्य सरकार करे। अरूण उरांव ने कहा कि 12 जून कोहुई हत्या की इस घटना में राज्य प्रशाशन की जो भूमिका है उसपर भरोसा नही किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशाशन उस घोड़े की तरह है जो अपने सवार के इशारे पर अपनी चाल बढ़ाता है। उन्होंने कहा राज्य प्रशाशन की धीमी जांच ने यह साबित किया है कि राज्य सरकार की मंशा सिर्फ लीपापोती की है। उन्होंने कहा ऐसे महापुरुष के वंशज की हत्या पर एफआईआर दर्ज होने में पांच दिन लग जाते है।10 दिनों तक पुलिस नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार नही कर पाती है जबकि स्व मुर्मू की पत्नी ने अपने फर्द बयान में अभियुक्त के नाम सहित घटना का पूरा उल्लेख किया है।
उन्होंने कहा कि इतने दिनों के बाद अपराधी का समर्पण यह बताता है कि प्रशाशन अभियुक्त को कितना मदद पहुचा रही है। उन्होंने अभियुक्त को रिमांड पर लेकर कड़ाई से पूछताछ की मांग की। डॉ अरुण ने कहा कि यह सरकार तोहफा नही बल्कि आदिवासियों की हत्यारी सरकार है। सरकार गठन के साथ चाईबासा में आदिवासियों की नृशंश हत्या,सरकार के 100 दिन पर सिसई में हत्या और फिर छठे महीने सिदो कान्हो के वंशज की हत्या यह प्रमाणित करता है कि आदिवासी समाज इस सरकार में कितना सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि सत्त्ताधारी दल एवम सरकार के द्वारा इसपर निन्दा के बयान भी नही दिया जाना उनकी मंशा को प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की हत्या भी हो रही और लोग भूख से भी मरने को विवश है।केंद्र सरकार ने भरपूर अनाज दिया पर राज्य सरकार उसे गरीबों तक पहुचने में विफल है। प्रवासी आदिवासी मजदूर पैदल लौटने को मजबूर हुए और सरकार के मंत्री तुष्टिकरण करते हुए अपने क्षेत्र में बस से बांग्लादेशियों को भेजते रहे। उन्होंने स्व मुर्मू के परिवार को 10 लाख का मुआबजा, सरकारी नौकरी देने की भी मांग की।
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