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बालू के अवैध कारोबार पर हथियार के दम पर वर्चस्व जमाना चाह रहे थे दो शार्प शूटर

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सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: जिले में बालू के अवैध कारोबार पर दो शार्प सूटर हथियार के दम पर वर्चस्व जमाना चाह रहे थे। इसी मंशा से कुख्यात अपराधी राजेश राम और शिवा माली पतरातू क्षेत्र का दौरा कर रहे थे। उनके द्वारा कई कारोबारियों को धमकाने की योजना बनाई गई थी। लेकिन  एसपी की सक्रियता से उनके मंसूबे विफल हो गए। एसपी के द्वारा बनाई गई विशेष टीम ने उन दोनों अपराधियों को गिरफ्तार किया। उनके पास से 9 एमएम का एक पिस्तौल, एक स्कॉर्पियो, 3 एंड्राइड मोबाइल और छह जिंदा गोली भी जब्त किया गया। गुरुवार को इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि राजेश राम पतरातू थाने के केके कोलियरी का रहने वाला है। जबकि उसका पार्टनर शिवा माली रांची जिले के कांके थाना क्षेत्र अंतर्गत बुकरू का रहने वाला है।
पिठोरिया घाटी उतरते ही पुलिस ने रुकवा दी स्कॉर्पियो
राजेश राम और शिवा माली अपने ब्लैक कलर के स्कॉर्पियो पर सवार थे। वे लोग रांची से पतरातू आ रहे थे। पुलिस को उनके बारे में जैसे ही सूचना मिली, घाटी से उतरते हुए इस स्कार्पियो को पुलिस ने पकड़ लिया। हालांकि ये दोनों अपराधी पुलिस से बचकर भाग निकलने की फिराक में थे। लेकिन पुलिस के आक्रामक रुख के आगे उनकी एक न चली।
श्रीवास्तव और पांडे गिरोह के लिए काम कर चुका है राजेश राम
एसपी  ने बताया कि राजेश राम कुख्यात अपराधी है। वह शार्प शूटर के रूप में श्रीवास्तव और पांडे गिरोह दोनों के लिए काम कर चुका है। उसके आपराधिक इतिहास भी रहे हैं। उसने पतरातू थाना क्षेत्र में कई बार हथियारों के दम पर आतंक मचाया है। वर्ष 2016 से 19 तक इसके खिलाफ 4 मामले भुरकुंडा और बरकाकाना ओपी में दर्ज किए गए थे। सारे मामले रंगदारी मांगने और गोली चलाने को लेकर दर्ज थे। शिवा माली इसके साथ पार्टनर के रूप में काम करता था। इन दोनों की गिरफ्तारी रामगढ़ जिला पुलिस के लिए बड़ी सफलता है।
पांच दिन पहले बालू की 24 गाड़ियां पकड़ी गई तो राजेश ने भी मारी इंट्री
एसपी ने बताया कि पांच दिन पहले जिले में बालू से लदे हुए 24 गाड़ियों को पकड़ा गया था। इनमें से 13 गाड़ी सिर्फ पतरातू क्षेत्र से जब्त किया गया था। पुलिस कार्रवाई के बाद राजेश राम ने इस कारोबार पर कब्जा जमाने के लिए इंट्री मारी। उसकी मंशा थी कि पतरातू से लेकर भुरकुंडा तक दामोदर नदी तट से निकाले जाने वाले बालू में इसका नाम भी शामिल हो जाए। यह भी अपने नाम पर आधा दर्जन से अधिक घाट चलाना चाहता था। यह काम पांडे गिरोह और श्रीवास्तव गिरोह से हटकर वह कर रहा था।

 

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