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विभिन्न राज्यों से झारखंड में श्रमिकों के लौटने का सिलसिला जारी

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सिटी पोस्ट लाइव, मेदिनीनगर: विभिन्न राज्यों से झारखंड में श्रमिकों के लौटने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में रविवार को गुजरात के भरूच में फंसे झारखंड के विभिन्न जिलों के 1581 श्रमिकों को स्पेशल ट्रेन के माध्यम से डाल्टनगंज स्टेशन लाया गया। स्पेशल ट्रेन से डाल्टनगंज पहुंचे श्रमिकों में सबसे अधिक गढ़वा के 860 श्रमिक शामिल हैं।इसी तरह पलामू के 603 बोकारो के 08 चतरा के 01,धनबाद के03, दुमका के 01, हजारीबाग के 02, जामताड़ा के 03 एवं कोडरमा के 15, पूर्वी सिहभूम के 02, गिरिडीह के 15, गोड्डा के 01 गुमला के 03, लातेहार के 28 ,रामगढ़ के 2,रांची के 11,साहेबगंज से 09, सरायकेला के 8,पश्चिम सिंहभूम के 01 वहीं बिहार राज्य से 01 श्रमिक गुजरात के भरुच से डाल्टेनगंज पहुंचे। श्रमिकों के आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से स्टेशन परिसर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। श्रमिकों के आगमन के पूर्व डालटनगंज रेलवे स्टेशन परिसर को पूर्ण रूप से सैनिटाइजड किया गया एवं शारीरिक दूरी के पालन हेतु बैरिकेडिंग कर जगह-जगह पर गोल घेरा का निर्माण कराया गया। इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था के लिए डाल्टनगंज स्टेशन परिसर में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों की टीम के साथ दंडाधिकारी व सुरक्षाकर्मियों की तैनात पूर्व से ही की गई थी।इस दौरान समाजिक दूरी का पालन करने को लेकर रेलवे द्वारा लगातार अनाउंसमेंट किया जा रहा था।

सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी न हो इसके लेकर सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संदीप गुप्ता एवं शहर थाना प्रभारी तत्पर दिखे। श्रमिकों को लेकर ट्रेन जब डाल्टनगंज स्टेशन पहुंची तो श्रमिकों को बोगी बार एक-एक करके उतारा गया ताकि उनके बीच सामाजिक दूरी बनी रहे। इसके बाद उन सभी की स्वास्थ्य जांच की गई एवं श्रमिकों के हाथों को सैनिटाइज किया गया साथ ही उन्हें मास्क भी दिए गए। इस दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रखा गया।यहां से बाहर निकलते समय एग्जिट गेट पर सभी श्रमिकों को नाश्ते एवं पानी का बोतल दिया गया इस दौरान भी सभी श्रमिकों के बीच दो मीटर की सामाजिक दूरी दिखाई दे रही थी।पलामू पहुंचने के पश्चात सभी श्रमिकों को बस के माध्यम से रेलवे स्टेशन से चियांकी के हवाई अड्डा स्थित सहायता केंद्र ले जाया गया यहां भी इन सभी की स्वास्थ्य जांच की गई। इसके बाद सभी श्रमिकों को प्रखंड वार अलग अलग कर उनके गृह प्रखंड भेज दिया गया वहीं दूसरे जिले के श्रमिकों को उनके गृह जिला भेजा गया।

 

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