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अपने पैतृक गांव लौट रहे प्रवासी कामगारों को सहायता मुहैय्या कराना है: रामेश्वर

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और योजना सह वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि परिस्थिति में सुधार होने के कारण लॉकडाउन-4 में सरकार की ओर से कई छूट देने का निर्णय लिया है, इससे राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। वित्तमंत्री डॉ. ने आज रांची में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लॉकडाउन  के कारण 56 दिनों तक राज्य में आर्थिक गतिविधियां ठप्प रही। इस दौरान राजस्व संग्रहण में कमी आयी, वहीं हर जरूरतमंत्र परिवार को भोजन कराने और अनाज उपलब्ध कराने, प्रवासी श्रमिकों को विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों, यात्री बसों के माध्यम से वापस लाने तथा अन्य राहत एवं सहायता कार्य के कारण सरकार को अतिरिक्त खर्च का वहन करना पड़ा।

खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने बताया कि अभी सबसे महत्वपूर्ण कार्य देश के विभिन्न राज्यों से अपने पैतृक गांव-शहर-राज्य लौट रहे प्रवासी कामगारों को सहायता मुहैय्या कराना है। लॉकडाउन-3 के अंत और लॉकडाउन-4 के प्रारंभ होने के साथ ही घर वापसी को लेकर प्रवासी कामगारों में खासी बेचैनी देखी जा रही है, लोग सैकड़ों- हजारों किलोमीटर दूर अपने गांव जाने के लिए पैदल ही सड़क पर निकल पड़े। झारखंड की सीमा में प्रवेश करते ही ऐसे सभी कामगारों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था की गयी है और उन्हें विभिन्न जिलों या राज्य की सीमा तक पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था की गयी है। इसके लिए हाइवे पर प्रत्येक 20 किमी की दूर पर दाल-भात केंद्र संचालित हो रहा है। इसके अलावा राज्य के ही विभिन्न जिलों अथवा पड़ोसी राज्य में फंसे श्रमिकों को भी यात्री बसों के माध्यम से वापस लाया जा रहा है।

इधर, प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी (कोविड-19) की आज रांची स्थित प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक में प्रवासी कामगारों और जरूरतमंद परिवारों के लिए चलाये जा रहे सहायता कार्य को लेकर समीक्षा बैठक हुई। समिति के सदस्य प्रदीप तुलस्यान, प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, राजेश गुप्ता छोटू और लाल किशोर शाहदेव उपस्थित थे। प्रदेश काग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर पार्टी कार्यकर्त्ताओं की ओर से राजधानी रांची के अलावा विभिन्न जिलों और हाइवे पर प्रवासी श्रमिकों को राहत उपलब्ध कराने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। वहीं विभिन्न राज्यों में फंसे श्रमिकों की घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर प्रयास जारी है।

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