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कोरोना की जंग में रांची को रोल मॉडल बताना हास्यास्पद : सीपी सिंह

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कोरोना की जंग में रांची को रोल मॉडल बताना हास्यास्पद : सीपी सिंह

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि रांची देश के समक्ष कोरोना के विरुद्ध जंग में एक रोल मॉडल बनकर उभरी है, यह सुनकर बड़ा ही हास्यास्पद लगता है। सिंह ने मंगलवार को कहा कि सच्चाई तो यह है कि झारखंड सरकार देश ही नहीं पूरे विश्व में इस बात के लिए चर्चित जरूर होगी कि झारखंड की राजधानी रांची के एक मोहल्ले हिंदपीढ़ी जो हॉटस्पॉट है वहां पर लॉक डाउन पालन कराने में अक्षम साबित हो रही है। शुरुआत में ही हिंदपीढ़ी के पत्थरबाज शांतिदूतों द्वारा सफाईकर्मियों, स्वास्थ्यकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया और हद तो तब हो गई जब राज्य सरकार ने तुष्टिकरण करते हुए तथाकथित जमुनी तहजीब को मानने वाले पुलिस पदाधिकारियों (डीएसपी) को प्रतिनियुक्त किया। फिर भी भला ये शांतिदूत कहां मानने वाले थे, लॉक डाउन के बावजूद यह मोहल्लों में स्वच्छंद विचरण करते रहे, यहां तक कि दूसरे जिलों में भी पहुंच गए। यह सारी खबरें मीडिया में धड़ल्ले से आते रही। राज्य सरकार ने जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की दो कंपनी प्रतिनियुक्त कर दिया, ताकि आम जनता यह समझे की कड़ाई की जा रही है। दूसरी तरफ हिंदपीढ़ी में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया, ताकि अंदर की खबरें बाहर नहीं आ सके एवं सरकार की सुनियोजित साजिश सफल हो सके।

सिंह ने कहा सच्चाई तो यह थी कि राज्य सरकार यह समझ रही थी कि झारखंड पुलिस की तरह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल भी मूकदर्शक बनी रहेगी, लेकिन वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे। उसका परिणाम यह हुआ कि जमुनी तहजीब को मानने वाले पत्थरबाज शांतिदूतों ने जिहाद छेड़ दिया एवं स्ट्रीट लाइट बुझा कर रात के अंधेरे में केंद्रीय सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी एवं इस कारण सुरक्षा बलों को वहां से जान बचाकर भागना पड़ा। सूचना पर प्रशासन के बड़े-बड़े आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे एवं मान-मनौवल किया। पूर्व पार्षद के वीडियो वक्तव्य के अनुसार उनके कहने पर प्रशासन ने उन सबों से माफी मांगी, साथ ही यह मांग थी कि केंद्रीय सुरक्षा बल को अंदर से हटा दिया जाए, इस ‘आदेश’ का भी पालन करते हुए झारखंड सरकार द्वारा सीआरपीएफ की कंपनी वहाँ से हटा दी गयी, यानी प्रशासन ने घुटने टेक दिए। सिंह ने कहा कि जैसा मैंने पहले कहा, रोल मॉडल तो नहीं लेकिन मुख्यमंत्री एक मोहल्ला ‘हिंदपीढ़ी’ को नहीं संभाल पाने के कारण उनका नाम जरुर गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो जायेगा।

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