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प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी के बाद संक्रमण का फैला खतरा

5 मई के बाद संक्रमण में 5 गुणा बढ़ोत्तरी

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प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी के बाद संक्रमण का फैला खतरा

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: कोरोना महामारी के बीच देशव्यापी पूर्ण तालाबंदी के बीच श्रमिकों की घर वापसी का सिलसिला जारी है और इन प्रवासी कामगारों, विद्यार्थियों और अन्य लोगों की वापसी के बाद झारखंड में संक्रमण फैलाव का खतरा बढ़ गया है। पांच मई के बाद झारखंड में पांच गुणा कोरोना संक्रमण के मामले में बढ़ोत्तरी हुई है। झारखंड में पिछले 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से देश भर के विभिन्न राज्यों से प्रवासी श्रमिकों के वापस लौटने का सिलसिला निरंतर चल रहा है, वहीं गुरुवार से नई दिल्ली से राजधानी एक्सप्रेस से भी ट्रेनों का झारखंड आगमन शुरू हो गया है। इसके अलावा  श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से रोजाना तमिलनाडु, बेंगलुरु, गुजरात, पंजाब समेत तमाम राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लौटने का सिलसिला जारी है। इन सबके बीच कोरोना का बढ़ता ग्राफ चौंका रहा है। झारखंड में प्रवासी श्रमिकों के लौटने के बाद 8मई को सबसे बड़ा उछाल देखा गया था। गढ़वा जिले में 20 और कोडरमा में 2 प्रवासी पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद हजारीबाग के विष्णुगढ़ में भी एक साथ 6 प्रवासी मजदूर कोरोना पॉजिटिव मिले। वहीं गिरिडीह, चाकुलिया, लातेहार में भी प्रवासी मजदूरों में कोरोना संक्रमण पाये गये।

5 मई के बाद तेजी से बढ़े मामले
जबकि इससे पहले सिर्फ एक बार 27 अप्रैल को रांची में कोरोना के 20 पॉजिटिव मामले दर्ज हुए थे। 28 अप्रैल से 4 मई के बीच राज्य में सिर्फ 12 नए केस सामने आए थे। लेकिन अब इस आंकड़े में पांच गुना का इजाफा हुआ है। 5 मई के बाद से 62 पॉजिटिव केस पता चले हैं। इनमें से 48 केस प्रवासियों से जुड़े हैं।

संक्रमण फैलने का खतरा बरकरार

प्रवासी मजदूरों के कारण कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ तो रहे हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि ये सभी मजदूर आने के बाद क्वारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट किये गये थे। इसलिए इनका लोगों से संपर्क नहीं हुआ। इसलिए कोरोना संक्रमण नहीं फैला, लेकिन डर इस बात का है कि बाहर से लौटे कई मजदूर क्वारेंटाइन सेंटर्स में नहीं हैं। ऐसे मजदूरों से संक्रमण के फैलने का खतरा बरकरार है।

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