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आओ करें उपवास, पटना को बनाएं सपनों का शहर : डॉ सुबोध कुमार

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आओ करें उपवास, पटना को बनाएं सपनों का शहर : डॉ सुबोध कुमार

सिटी पोस्ट लाइव : जे.डब्ल्यू. हॉल्टन ने कहा था, ‘बिहार भारत का दिल है’ और पटना बिहार की राजधानी है। शहर वह जगह है जहां सपने पूरे किए जाते हैं। यही कारण है कि पटना शहर में लोग आते हैं मगर उनके सपने यहां पूरे नही हो पाते। इसलिए वे भारत के अन्य शहरों की तरफ पलायन कर जाते हैं।

पटना शहर घनत्व के आधार पर भारत के टॉप 15 शहरों में से एक है। पिछले 30 सालों में देखा जाए तो यहां सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में कोई भी बदलाव देखने को नहीं मिलता है। पिछले तीन दशकों में कोई भी हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज, स्कूल, महाविद्यालय, मैनेजमेंट या टेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट नहीं खुला। पटना के ग्रामीण क्षेत्रों पर शहर का दबाव पड़ा और खेती करनेवाले किसानों ने खेती में मुनाफा न देख किसानी करना छोड़ दिया। यही हश्र इंडस्ट्रियल एरिया का भी हुआ ! Lockdown खुलने के बाद

एक बार फिर विद्यार्थी, कामगार और कारोबारी पटना शहर से आस लगा रहे होंगे और पटना को अपने सपनों के शहर के रूप में देखना चाहे गे । सरकार जल्द अपने शार्ट और लौंग term स्ट्रेटजी लेकर आए ताकी मजबूरन पलायन पर रोक लग सके ।

28 प्रदेशों की राजधानी में से मात्र पटना ही ऐसी राजधानी है जहां पिछले 30 सालों में मूलभूत ढांचे में कोई बरा बदलाव नहीं देखा गया। समय आ गया है कि बिहार को ऐसे मुख्यमंत्री की आवश्यकता है जिसमें समय के साथ साथ आगे की परिस्थितियों का आकलन करने की क्षमता हो।

*सत्याग्रह की आस, आओ करें उपवास* के माध्यम से सरकार को परिस्थितियों से रूबरू कराना चाहते हैं और अपनी 7 सूत्री मांग को लेकर हजारों की संख्या में पटनावासी सांकेतिक उपवास कर रहे हैं। ये 7 सूत्री मांग हैं-

1) कोरोना वायरस का खतरा सबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र में होता है। पटना भारत के सबसे ज्यादा घनत्व वाला शहर है, इस कारण ऐसे क्षेत्रों को लगातार सैनिटाइज किया जाए और लॉकडाउन का मजबूती से पालन किया जाए।

2) पटना में छोटे कारोबारी, ऑटोवाले रिक्शावाले, रेडीवाले और ठेलेवाले और अन्य मजबूर लोगों को प्रतिमाह ₹1000 तीन महीने तक सरकार के द्वारा दिया जाए।

3) अगले 45 दिन में सरकार नीति बनाए और नीति को सार्वजनिक करे ताकी जो लोग वापिस बिहार आये है , उनके सपनो को पटना शहर साकार कर सके और उनको मजबूर हो कर पलायन न करना परे । 4.पटना में 3 नए हॉस्पिटल और एक मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ नए स्कूल, महाविद्यालय, मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट सरकार के द्वारा खोले जाएं।

4) म्युनिसिपल कॉरपोरेशन और पंचायत को प्रशासनिक शिकंजे से मुक्ति मिले ताकि कामों में तेजी आ सकेे। इसके साथ-साथ सभी कॉरपोरेशन और पंचायत में कम्युनिटी रेडियो स्टेशन खोला जाए ताकि शिक्षा के साथ-साथ अन्य कार्यों में इसका उपयोग हो सके ।

6) सरकारी दस्तावेजों में पटना में लगभग 1000 तालाब है। इन तालाबों को फिर से जीवित किया जाए ताकि जल जमाव के साथ-साथ पानी के संकट का भी निपटारा हो सके।

7) राज्य सरकार ग्रेटर पटना बनाने का सपना पूरा करें।” सत्याग्रह की आस,आओ करें उपवास” मुहिम में “पटना को बनाएं सपनों का शहर” जन आंदोलन में हजारों आम जन के साथ प्रमुख संगठन भी सहयोग कर रहे हैं। इनमें से प्रमुख हैं-जन मोर्चा, राष्ट्रीय पासी सेना, शिवि फाउंडेशन, टीचर्स एसोसिएशन, एडवोकेट एसोसिएशन, NGO’s, कुम्हरार पंचायत, संदलपुर पंचायत, डिप्टी मेयर दानापुर, पूर्व मेयर पटना, मुसल्लहपुर हाट , विकलांग अधिकार मंच यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन और मीडियाकर्मी के साथ साथ कई देशों से भी सहयोग मिल रहा है। 

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