Ramdhari Singh Dinkar का जीवन परिचय | राष्ट्रहित उनके लिए सर्वोपरि | City Post Live Special
सिटी पोस्ट लाइव : दिनकर की ताकत ही यही थी कि वे संभल-संभल कर या सेलेक्टिव तरीके से आहें भरने वाले लेखकों-कवियों में से नहीं थे, न ही राजनीतिक दलों या विचारों के नफ़े-नुकसान के गणित से अपना ईमान तय करते थे. मानव-मात्र के दुख-दर्द से पीड़ित होने वाले कवि थे. राष्ट्रहित उनके लिए सर्वोपरि था. शायद इसीलिए वह जन-जन के कवि बन पाए और आज़ाद भारत में उन्हें राष्ट्रकवि का दर्जा मिला.
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