जय बिहार-नशा मुक्त हो बिहार | City Post Live Special
किसी विद्वान् ने यह बात बिलकुल सत्य कही है कि मदिरापान या अन्य नशा सभी बुराईयों की जड़ होती है. नशा मनुष्य को असंतुलित बनाती है. नशेड़ी व्यक्ति से किसी भी समाज की बुराई की अपेक्षा की जा सकती है. इसी कारण से हमारे शास्त्रों में मदिरापान व अन्य नशा को पाप माना जाता है. शुरू में तो व्यक्ति शौक के तौर पर नशा करता है. उसके दोस्त उसे मुफ्त में शराब पिलाते हैं. कुछ लोग ये बहाना बनाते हैं कि वे थोड़ी-थोड़ी दवाई की तरह शराब को लेते हैं लेकिन बाद में उन्हें लत पड़ जाती है. जिन लोगों को शराब पीने की आदत पड़ जाती है उनकी शराब की आदत फिर कभी भी नहीं छूटती.
Comments are closed.