मंत्रीजी को शहीदों के नाम तक नहीं मालूम, जा रहे थे शहादत कार्यक्रम में
सिटी पोस्ट लाइव, बोकारो : झारखंड प्रदेश शहीदों की भूमि रही है। राज्य की परंपरा एवं संस्कृति के साथ-साथ जनता की आजादी बचाने को लेकर कई वीर शहीदों ने अपनी कुर्बानियां दी हैं। बिरसा मुंडा, सिद्दो-कान्हू जैसे वीर शहीदों की फेहरिस्त में लीलू, हीरू और पटल बाउरी के शहादत भी अविस्मरणीय हैं। दुर्भाग्य की बात तो यह है कि हमारे देश के आला नेता ही इन शहीदों के नाम तक भूल जाते हैं। जब जनजातीय समुदाय से आने वाले शहीद हों और जनजातीय कार्य संभालने वाले सरकार के एक वरीय मंत्री ही उन शहीदों का नाम न जानते हों तो इसे घोर विडंबना ही कहेंगे। बोकारो में गुरुवार को ऐसे ही विडम्बना सामने आई। केंद्र सरकार में जनजातीय कार्य राज्यमंत्री पिंड्राजोरा में आयोजित शहीद लीलू, हीरू और पटल बाउरी के शहादत दिवस संबंधी कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे। इसी क्रम में बोकारो के सर्किट हाउस में वह पत्रकारों से मुखातिब हुए। पत्रकारों ने जब यहां उनके आगमन और कार्यक्रम को लेकर पूछा तो मंत्री जी ने कहा कि वह यहां एक शहादत दिवस कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे हैं, लेकिन जिसकी शहादत दिवस समारोह में भाग लेने जा रहे थे, उस शहीद का नाम तक उन्हें ज्ञात नहीं था। उन्होंने बगल में बैठे किसी अन्य नेता से इशारों-इशारों में पूछा और पास बैठे नेता जी ने भी तत्काल इसका जवाब मंत्री को दिया और तब जाकर मंत्री कैमरे के सामने उक्त तीनों शहीदों के नाम बता सके। बता दें कि शहीद लीलू, हीरू, पटल बाउरी महाजनी प्रथा और सामंतवाद के विरोधी थे। इससे क्षुब्ध होकर विरोधियों ने एक साजिश के तहत उन्हें गोली मार दी। गुरुवार को सुदर्शन भगत उनके 4वें शहादत दिवस के कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे। विगत वर्ष 40वें शहादत दिवस कार्यक्रम का आयोजन जयतारा ग्राम में किया गया था, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने खुद शिरकत की थी।
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