मुंगेर गोलीकांड के मुख्य आरोपी को CID ने थाने बुलाया, रिवॉल्वर लिया और फिर छोड़ दिया.
हत्याकांड के आरोपी पर CID की इस मेहरबानी से पटना हाईकोर्ट के न्यायधीश हैरान ,पूछा.......
सिटी पोस्ट लाइव :मुंगेर में पिछले साल दूर्गा पूजा के दौरान हुए गोलीकांड मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश कुमार सिंह पर बिहार पुलिस की CID बहुत मेहरबान है. इस मामले की सुनवाई कर रहे पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को जब ये यह पता चला कि CID के अधिकारियों ने मुंगरे गोलीकांड मामलें के मुख्य आरोपी में से एक ब्रजेश कुमार सिंह को अपने पास बुलाया उसके पास से सरकारी रिवॉल्वर अपने पास जमा करवाया और फिर उसे जाने दिया. न तो उसे कस्टडी में लिया और न ही उससे केस से जुड़े कोई सवाल किया, तो कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की.
गौरतलब हो कि इस मामले में उस वक्त के मुफ्फसील थाने के SHO और 2009 बैच के सब इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार सिंह नामजद आरोपी हैं. पुलिस विभाग की तरफ से मिले सरकारी हथियार के साथ ब्रजेश कुमार सिंह फरार चल रहे थे. न तो इन्हें मुंगेर की पुलिस पकड़ रही थी और न ही CID की टीम. अनुराग पोद्दार के पिता अमरनाथ पोद्दार की तरफ से हाईकोर्ट में एक क्रिमिनल रिट दाखिल है. इनके तरफ से एडवोकेट मानस प्रकाश इस केस को देख रहे हैं. इनके मुताबिक इस मामले में 19 मई को सुनवाई हुई थी.
CID के ADG विनय कुमार कोर्ट के सामने वर्चुअल तरीके से हाजिर हुए.ADG ने उस वक्त कहा कि ब्रजेश से सरकारी हथियार ले लिया गया है और उस जांच के लिए FSL भेजा जाएगा. इनकी बता को सुनते ही कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की. सीधे ADG से कहा कि आप ब्रजेश को कस्टडी में ले सकते थे. उससे पूछताछ कर सकते थे.हाईकोर्ट के कड़े तेवर को देख ADG ने कहा कि उनकी टीम जल्द ही ब्रजेश को पकड़ेगी भी और उससे पूछताछ भी करेगी.
एडवोकेट के अनुसार अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 जून को होगी. अप्रैल में हुए सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अनुराग के परिवार को 10 लाख रुपए की सरकारी मदद देने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया था. लेकिन अब तक परिवार को यह रुपए नहीं मिले. सरकार हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ जाने की तैयारी कर रही है.
सूत्रों का दावा है कि अपने चहेतों को बचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. मुंगेर गोलीकांड की जांच में शुरू से ही हर स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है. कुछ लोग मिलकर अनुराग पोद्दार की हत्या के केस को अलग एंगल देने की काशिश कर रहे हैं. 17 साल के उस नौजवान को ही गलत ठहराने की कोशिश हो रही हैंजबकि इस कांड में अकेले ब्रजेश कुमार सिंह ही आरोपी नहीं है. इनके अलावे एक थानेदार और दूसरा आउटपोस्ट इंचार्ज भी आरोपी है. मगर इन सब के खिलाफ ठोस तरीके से कोई जांच नहीं हुई.पुलिसिया जांच में बरती जा रही लापरवाही को हाईकोर्ट ने भी पकड़ा था. यही वजह थी कि अप्रैल महीने की सुनवाई के दौरान उस वक्त के मुंगेर SP मानवजीत सिंह ढिल्लो समेत इस कांड की जांच से जुड़े सभी पुलिस वालों का वहां से ट्रांसफर कर दिया गया था.
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