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राज्य सरकार के एक्शन प्लान को हाईकोर्ट ने बताया गलत, आज भी होगी सुनवाई.

हाईकोर्ट द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी ने कहा-ऑक्सीजन की कमी से अस्पतालों में खाली पड़े हैं बेड.

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सिटी पोस्ट लाइव :कोरोना के संक्रमण से बिहार में हाहाकार मचा हुआ है.सरकारी व्यवस्था नाकाम साबित होती जा रही है. पटना हाईकोर्ट इस मामले की हर दिन मॉनिटरिंग और सुनवाई कर रहा है. पटना हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था. अब इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंप दी है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस एक्शन प्लान को गलत बताया है जिसे कोरोना से मुकाबले के लिए तैयार करने का दावा किया गया था.

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होने के कारण पीएमसीएच, आईजीआईएमएस और मेदांता हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों के लिए तकरीबन एक हजार से ज्यादा बेड खाली पड़े हुए हैं. ऑक्सीजन की कमी और सप्लाई कंटिन्यू नहीं होने के कारण इन अस्पतालों का प्रशासन मरीजों को भर्ती नहीं कर पा रहा है. पीएमसीएच में 1750 बेड की सुविधा है लेकिन केवल 106 बेड ही कोरोना मरीजों को मिल पाए हैं. आईजीआईएमएस में 1070 बेड की क्षमता है जबकि केवल 122 दिन ही कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध हैं. दूसरी तरफ 500 बेड वाले मेदांता हॉस्पिटल में अब तक ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है जिसके कारण यहां मरीजों का इलाज शुरू नहीं हुआ है.

एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट मिलने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार के एक्शन प्लान को लेकर नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट ने कहा कि कमेटी की इस रिपोर्ट से साफ हो गया है कि पिछले हफ्ते राज्य सरकार ने सूबे में ऑक्सीजन सप्लाई का जो एक्शन प्लान कोर्ट को बताया था वह सही नहीं था. इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह और जस्टिस मोहित कुमार शाह की खंडपीठ में राज्य सरकार को निर्देश दिया कि इन सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई 24 घंटे कंटिन्यू किया जाए और सरकार ने सिरे से एक्शन प्लान कोर्ट में दे.

हाईकोर्ट ने राज्य में डॉक्टरों की कमी के मसले पर भी सरकार से सवाल जबाब किया. डॉक्टरों के 46000 से ज्यादा पद खाली होने को लेकर हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार इतने सालों से क्या कर रही थी? डॉक्टरों की कमी इस आपात स्थिति में कैसे पूरी की जाएगी इस पर सरकार से जवाब भी मांगा है. कोरोना मरीजों की मौत के आंकड़े जारी करने के आधार की बाबत हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिया है कि सूबे में कोरोना से मौत के आंकड़े जारी करने की पूरी प्रक्रिया बताएं.

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