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एक तीर से दो निशाने साध रहे तेजस्वी यादव.

पार्टी के बाहर-भीतर की बातों की जगह केवल नीतीश पर है तेजस्वी यादव का फोकस.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के शिक्षा मंत्री के रामचरित मानस पर दिए गए विवादित बयान को लेकर JDU और RJD के बीच घमाशान जारी है.लेकिन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस विवाद से अपने को बचाते हुए दिखाई दे रहे हैं.तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि पापा ने उन्हें बताया है कि धैर्य ही बल है. इसलिए वह विवाद वाले मसले पर सीधे-सीधे किसी तरह बयानबाजी से बच रहे हैं. उन्हें पता है नीतीश कुमार पर ही महागठबंधन की पूरी कवायद निर्भर है. यही वजह है कि तेजस्वी माहौल गर्म करने वाले बयानों पर यह कह रहे हैं कि वोट तो केवल लालू प्रसाद और नीतीश कुमार पर है, इसलिए दूसरे बयानवीर पर ध्यान देकर वक्त क्यों खराब करना?

तेजस्वी यादव एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश कर रहे हैं. नीतीश कुमार के प्रति अपनी आस्था को मजबूती के साथ वो दिखा रहे हैं और साथ ही ये संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि वो उन नेताओं की परवाह नहीं करते जो उनके दल के नेताओ के तल्ख बयान पर सक्रिय हैं.JDU संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जब RJD विधायक सुधाकर सिंह के मसले को जोरशोर से उठाया तो तेजस्वी ने कहा था कि महागठबंधन के नेता हैं नीतीश कुमार। उन पर किसी तरह की अमर्यादित टिप्पणी बर्दाश्त नहीं.

सुधाकर सिंह पर कार्रवाई की बात हवा में तैरती रही पर तेजस्वी के इस बयान के बाद मामला पर्दे के पीछे चला गया. इस तरह रामचरितमानस प्रसंग में भी तेजस्वी ने अपनी बात बिल्कुल ही नए ढंग से कह डाली. उन्होंने कहा कि भारत का संविधान हमारा सबसे पवित्र ग्रंथ थे.उन्होंने कहा कि संविधान यह बताता है कि सभी धर्मों का हमें सम्मान करना है. यह भी जोड़ा कि संविधान के माध्यम से यह बात कही गई है कि लोगों को अपनी बात रखने की स्वतंत्रता है.

तेजस्वी यादव ने संविधान का सहारा लेकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात कह शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का बचाव भी कर दिया और संविधान का जिक्र कर सभी धर्मों के सम्मान की नसीहत भी दे दी. सबसे दिलचस्प यह रहा कि लगातार बयान दे रहे लोगों को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे लोग भाजपा के एजेंडे पर काम कर रहे हैं.

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