रांची : मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में जनशिकायतों की समीक्षा
सिटी पोस्ट लाइव, रांची : झारखंड में मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में दर्ज जनशिकायतों के निष्पादन में धनबाद, पलामू और गिरिडीह जिले के निराशाजनक प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल ने नाराजगी जाहिर की। वर्णवाल ने आज मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में दर्ज जनशिकायतों की साप्ताहिक समीक्षा करते हुए तीनों जिलों के उपायुक्तों को एक हफ्ते में जवाब देने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि दो-दो हजार जनशिकायतें क्यों लंबित हैं। राज्य स्तर पर ऊर्जा विभाग में भी एक हजार से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग रहने पर वर्णवाल ने विभागीय अफसरों को फटकार लगायी। उन्होंने कहा कि जिन जिलों और विभागों में सबसे ज्यादा शिकायतें लंबित हैं, वहां इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जायेगी। देवघर निवासी दिव्यांग इ को मई 2017 से दिव्यांगता पेंशन का भुगतान नहीं किए जाने की शिकायत पर अपर सचिव रमाकांत सिंह ने विभाग के अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई और स्पष्टीकरण मांगा कि सीएम के प्रधान सचिव वर्णवाल ने विभाग को एक सप्ताह के अंदर मामले को निष्पादित करने का निर्देश दिया अथवा दोषी अधिकारी पर कार्रवाई की चेतावनी दी। बोकारो के अलकुसा गांव में पंचायत भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2010 से प्रारम्भ होने बाद अब तक अधूरा रहने की शिकायत पर ग्रामीण विकास विभाग के नोडल अधिकारी ने एक सप्ताह में कार्य पूर्ण करने की बात कही। इसपर वर्णवाल ने विभाग के अधिकारी को अब तक के हुए कार्य की फोटो पोर्टल पर जियोटैग कर अपलोड करने का आदेश दिया। देवघर के अशोक प्रसाद राऊत को प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी के तहत आवास की स्वीकृति सितंबर 2017 में मिलने के बाद अब तक आवास निर्माण के लिए राशि का भुगतान नहीं होने पर नगर विकास विभाग के नोडल अधिकारी से कारण पूछा । बताया गया कि लाभुक द्वारा अबतक नीव नहीं खोदे जाने के कारण प्रथम किस्त का भुगतान रोका गया है। इसपर वर्णवाल ने नोडल अधिकारी को कहा कि आप खुद भी खड़े होकर यह काम करवा सकते थे। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर मामले को निष्पादित करने का निर्देश दिया। लातेहार पावर सब-स्टेशन में दैनिक मजदूरी पर कार्यरत 24 कर्मचारियों को मई 2018 से दैनिक वेतन का भुगतान नहीं किए जाने की शिकायत पर सीएम के अपर सचिव ने विभागीय नोडल अधिकारी को एक सप्ताह में सभी कर्मियों का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग, रांची में वरीय तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत कुमार आनंद की सेवाकाल के दौरान जून 2014 में दुर्घटना में मृत्यु हो गयी थी। इनकी मृत्यु के पश्चात इनके आश्रित पुत्र सौरभ आनंद को अबतक अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं मिली है। सरकार के प्रधान सचिव ने विभाग को कड़ा निर्देश देते हुए एक सप्ताह में नियुक्ति पत्र निर्गत करने का आदेश दिया। अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं मिलने की एक अन्य शिकायत हजारीबाग के शिव कुमार दास ने जनसंवाद में दर्ज कराई थी। इनके पिता जितन राम, जो राज्य खाद्य निगम, हजारीबाग में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पद पर कार्यरत थे, की वर्ष 2003 में कार्यावधि के दौरान इनकी मृत्यु हो गयी थी। इन्होंने अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए वर्ष 2004 में आवेदन दिया गया था । झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा शिव कुमार दास को नौकरी आदेश भी पारित किया गया है। संबन्धित विभाग के नोडल अधिकारी ने विभाग में रिक्ति नहीं होने के कारण नौकरी दिये जाने में असमर्थता जताई। इसपर सरकार के प्रधान सचिव ने दो टूक कहा कि यदि आपके विभाग ने पद रिक्त नहीं है तो इन्हें किसी दूसरे विभाग में नियुक्त कराएं। वर्णवाल ने विभाग को अगले मंगलवार तक मामले को निष्पादित करने का निर्देश दिया।
सिमडेगा के मथुरा प्रसाद की जमीन वर्ष 2016 में भू-अर्जन कार्यालय, सिमडेगा द्वारा कालीकरण सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहण की गयी थी। लेकिन, अबतक रैयत को मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया है। वर्णवाल ने विभाग को एक सप्ताह में भुगतान करने का निर्देश दिया। लोहरदगा के सुंदरू गांव के वार्ड संख्या- 3 में स्थित जलमीनार में लगा सोलर फरवरी 2016 से खराब होने के कारण जलमीनार से जलापूर्ति बंद है। इस संबंध में पूछे जाने पर विभाग के अधिकारी ने बताया कि सोलर की मरम्मत के लिए उपायुक्त, लोहरदगा से अनटायड फंड से स्वीकृति मिल गयी है और तीन सप्ताह का समय मांगा। वर्णवाल ने विभाग को तय समय में कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया। गिरिडीह जिला के बलिया ग्राम की 19 वर्षीया दीपा कुमारी की हत्या 5 नवंबर 2014 को कर दी गई थी। इस मामले में बिरनी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, परंतु अबतक अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह मामला मुख्यमंत्री के कार्यक्रम ‘सीधी बात’ और साप्ताहिक समीक्षा में उठा था परंतु अभी तक पुलिस विभाग किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पायी है । मामले के त्वरित निष्पादन के लिए समीक्षा में उपस्थित एआईजी-टू-डीजीपी को डीआईजी को चिट्ठी भेजकर जांच कराने का आदेश दिया।
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