स्मार्ट सिटी पर आयोजित कार्यशाला में लोगों ने साझा किया अनुभव
सिटी पोस्ट लाइव : मिशन स्मार्ट सिटी को लेकर चल रही परियोजनाओं में गति देने के लिए होटल बीएनआर में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न शहरों के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारियों और विशेषज्ञों ने अपने-अपने शहरों में अपनाए गए विकास के अलग-अलग मॉडल को एक-दूसरे से साझा किया। पूर्वी और मध्य भारत के 17 स्मार्ट शहरों के लिए आयोजित इंप्लीमेंटेशन में दिसंबर तक पूरी की जाने वाली योजनाओं पर मुख्य रूप से विचार-विमर्श हुआ। शनिवार को दूसरे दिन के सत्र में भारत सरकार की ओर से पहुंचे मिनिस्ट्री आफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स की ज्वाइंट सेक्रेट्री कुणाल कुमार ने कहा कि यह 100 स्मार्ट सिटी एक फैमिली की तरह है और बहुत सारी समस्याओं का हल केवल फैमिली में बातचीत करके, साझा करके किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किस शहरों के चयन के वक्त शहरों के बीच प्रतियोगिता कंपटीशन कराई गयी थी, पर अब समन्वय की जरूरत है। कुणाल कुमार ने कहा कि स्मार्ट सिटी बनाने की प्रक्रिया एक जर्नी की तरह चलती रहेगी। इसमें जरूरी है, जो काम हम कर रहे हैं।
उसकी समीक्षा भी करें और फिर जरूरत हो, तो संशोधन भी करें। सिटीजन इंगेजमेंट, लोगों की सोच में बदलाव, इंप्लीमेंटेशन और मूल्यांकन हो कि कुछ शहर आगे निकल जाए और कुछ पीछे रह जायें। दूसरे दिन के सत्र में दिसंबर तक योजनाओं को पूरा किया जाने या संभावित प्रगति की रिपोर्ट पेश की गई। जिनमें 17 शहरों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में आवंटित राशि प्रगति रिपोर्ट और वर्क कंपलीशन पर चर्चा हुई। जिसमें खासकर वॉटर सप्लाई स्कीम डाटा सिक्योरिटी ट्रेफिक कमांड कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सेंटर, सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट और इसका जैसे विषय पर चर्चा हुई। विभिन्न शहरों के सीईओ और प्रतिनिधियों ने इन योजनाओं में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की, तो सफल शहरों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने इसके तौर तरीके बताए। इसी क्रम में भोपाल के सीईओ ने दूसरे शहरों के पदाधिकारियों को आईटी के क्षेत्र में किए गए कार्य की जानकारी के लिए भोपाल आमंत्रित किया। ज्वाइंट सेक्रेटरी ने कहा कि शहरों को जो भी टेक्निकल असिस्टेंट की जरूरत है। इस अवसर पर स्मार्ट सिटी निदेशक राहुल कपूर, राज्य सरकार के योजना वित्त विभाग के विशेष सचिव प्रशांत कुमार, रांची के स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के सीईओ आशीष आदि उपस्थित थे।
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