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कोल कंपनी बीजीआर के नक्सल कनेक्शन को खंगालने पहुंची एनआईए

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कोल कंपनी बीजीआर के नक्सल कनेक्शन को खंगालने पहुंची एनआईए

सिटी पोस्ट लाइव : एनआईए की टीम गुरुवार को हजारीबाग पहुंची। देर शाम टीम के सदस्य सदर थाना क्षेत्र के पंडित जी रोड स्थित दी नानाथ यादवेंद्र के मकान (बीजीआर कंपनी के जीएम रघुराम रेड्डी के किराए के आवास) पर पहुंचे। टीम के साथ सदर थाना प्रभारी नीरज सिंह व पुलिस बल के जवान भी पहुंचे। बीजीआर कंपनी के जीएम रघुराम रेड्डी के आवास को खुलवाया गया। रघुराम रेड्डी की मौजूदगी में हीं आवास खोलकर टीम ने अंदर प्रवेश किया। समाचार लिखे जाने तक करीब एक घंटे से टीम के सदस्य आवास में मौजूद कागजातों से लेकर लैपटाॅप व अन्य सामग्रियों की तहकीकात में लगे हैं। हालांकि इस संबंध में कोई भी सदस्य कुछ भी नहीं बोल रहा, लेकिन दस्तावेजों में कई सामग्रियों को बटोरने की बात कही जा रही है। ज्ञात हो कि बीजीआर कंपनी के कोयला ढुलाई के क्रम में नक्सली संगठन टीपीसी को समृद्ध करने का आरोप लगा है। प्रति माह करोड़ों की राशि टीपीसी संगठन को मुहैया कराए जाने के मामले की जांच एनआईए द्वारा किया जा रहा है। हालांकि इस मामले में टंडवा थाना में बिंदु गंझू के पास की गई छापेमारी के दौरान बरामद डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक नकदी के मामले दर्ज हैं। इसी मामले की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है। सूचना है कि करीब चार साल पूर्व छापेमारी के बाद बीजीआर के जीएसम रघुराम रेड्डी ने टीपीसी के बिना क्षेत्र में पत्ता नहीं खड़कने की बात कहते हुए मंत्री से लेकर संतरी और नक्सली संगठनों तक राशि दिए जाने का बयान देकर सनसनी फैलाने का काम किया था। इस मामले की जांच एडीजी आॅपरेशन नक्सल अनिल पाल्टा ने शुरू किया था। बाद में जांच के आगे बढ़ने पर उन्हें हटा दिया गया, लेकिन तब तक चतरा पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी और फिर इसकी जांच एनआईए द्वारा शुरू कर दी गई। कहा जा रहा है कि एनआईए जांच के बाद कई नए खुलासे सामने आ सकते हैं। यह अलग बात है कि इस मामले का खुलासा होने के बाद मगध व आम्रपाली से बीजीआर कंपनी को काली सूची में डालते हुए ढुलाई का काम बंद करवा दिया गया था।

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