सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में मंत्री और डीएम कानून से ऊपर हैं.उन्हें कानून तोड़ने की छूट है .कोरोना काल में देव दर्शन आम लोगों के लिए दुर्लभ है. कोरोना की वजह से सारे मंदिर बंद हैं. बिहार सरकार के गाइडलाइन के बिहार के किसी मंदिर को खोलने की इजाजत नहीं है. लेकिन मुंगेर में जिलाधिकारी के पड़ पर योगदान देने आये IAS अधिकारी नवीन कुमार शनिवार को प्रसिद्ध चंडिका स्थान दर्शन के लिए परिवार के साथ पहुँच गये. मंदिर का पट खुला और पुजारी ने डीएम साहेब को पूजा अर्चना करवाई . पूरे भक्ति-भाव से मंदिर के गर्भ-गृह में पुजारी चंदन बाबा ने डीएम साहेब के परिवार को माता के दर्शन करवाए .पूजा-अर्चना करवाई.
गौरतलब है कि मंदिर को कोरोना संक्रमण के कारण बंद किया गया है. मंदिर बंद होने के कारण पंडितों की आजीविका भी पूरी तरह प्रभावित है. उन्हें भोजन के लाले पड़े हुए हैं.फिर ऐसे में जब खुद जिला का डीएम मंदिर पूजा करने पहुँच जाए तो भला पंडित पुजारी क्यों रोकेगें.उन्होंने डीएम साहेब की जमकर खातिरदारी की.लेकिन कोरोना गाईडलाइन की धज्जियाँ उड़ते देख लोग हैरान थे.एक ओर जहां VIP श्रद्धालुओं की पूजा मंदिर के गर्भ-गृह में चल रही थी, वहीं दूसरी ओर दर्जनों श्रद्धालु बेबस और लाचारी भरी आंखों से यह नजारा देखते रहे और मंदिर के बाहर पूजा करते रहे. मंदिर जैसे पवित्र स्थान में इस तरह का भेद-भाव पहलीबार नहीं हुआ है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भी 4 नवंबर 2020 को ताला खुलवाकर पूजा-अर्चना कर चुके हैं.
पिछले लॉकडाउन के दरम्यान भी पूरे देश के धार्मिक स्थलों में ताला लटका हुआ था. उसी बीच 4 नवंबर 2020 की रात 9 बजे केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने इसी चंडिका मंदिर में ताला खुलवाकर पूजा-अर्चना की थी. मंदिर के सचिव प्रभुदयाल सागर का कहना था कि पावरफुल लोगों को मना नहीं कर सकते.जनता के लिए 6 माह से बंद चंडिका स्थान को मंत्री ने खुद के लिए रात 9 बजे खुलवाया, पूजा-अर्चना भी की.चंडिका स्थान न्यास समिति के सचिव उन्हीं प्रभुदयाल सागर ने आज फिर कहा- बड़े लोग हैं, जिलाधिकारी हैं, उनको कैसे मना किया जा सकता है!
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