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मेदिनीनगर महात्मा गांधी नगर भवन में सजी सुरों की महफिल

पर्यटन कला संस्कृति खेल कूद एवं युवा कार्य विभाग के सौजन्य से सुबह-सवेरे/शनि परब का आयोजन 

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मेदिनीनगर महात्मा गांधी नगर भवन में सजी सुरों की महफिल

सिटी पोस्ट लाइव, रांची : दुर्गा पूजा के समापन के बाद शनिवार की रात मेदिनीनगर के महात्मा गांधी नगर भवन में सुबह-सवेरे सह शनि परब पर सुरों की महफिल सजी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला जन संपर्क पदाधिकारी देवेन्द्र नाथ भादुड़ी ने कहा कि नवरात्र के पावन पर्व एवं दुर्गा उत्सव की समाप्ति के बाद आयोजित कार्यक्रम भक्ति, शक्ति, कला संस्कृति, लोकगीत और नाट्य प्रस्तुति को समर्पित है। इस वित्तीय वर्ष में जिले में हुल दिवस के अवसर पर 30 जून से सुबह-सवेरे/शनि परब कार्यक्रम का नियमित रूप से आयोजन किया जा रहा है। किन्तु अभी तक कलाकारों के मानदेय भुगतान एवं कार्यक्रम आयोजन के लिए विभाग से कोई आवंटन उपलब्ध नहीं हुआ है। इस कारण कलाकारों का मानदेय भुगतान लंबित है। इसके बावजूद इस मंच के माध्यम से कलाकार अपनी कला प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। कार्यक्रम का संयोजन सैकत चट्टोपाध्याय और संचालन रंजन सर्राफ ने किया।

सुनील कुमार रवि के भजनों ने बनाया माहौल को भक्तिमय 
कार्यक्रम में सुनील कुमार रवि ने भजनों की प्रस्तुति से पुरे माहौल को भक्ति मय बना दिया। उन्होंने भक्ति-शक्ति पर आधारित धार्मिक गीत और भजन की प्रस्तुति कर उपस्थित श्रोताओं और दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। शिव कुमार और उनके साथियों ने भोजपुरी व लोक गीतों से दिया बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं का संदेश शिव कुमार चैधरी और उनके साथियों ने लोक गीत और भोजपुरी गीतों के माध्यम से देवी आराधना एवं महिला शक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के संदेश को अपने कला के माध्यम से प्रस्तुत किया। उनके साथ शिशिर शुक्ला, विजय प्रजापति साजिन्दे के रूप में सहभागिता किया।

मनोज कुमार के नज्म और गजलों ने महफिल को सुफियाना अंदाज में बदल दिया
शास्त्रीय संगीत के तहत मनोज कुमार सिंह ने नज्म एवं गजलों की प्रस्तुती से महफिल को सुफियाना अंदाज में बदल दिया। उन्होंने अपने गजल गायन से नगर भवन में उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी महफिल में राम श्याम, पवन शर्मा, तरूण एवं अनुकांत वर्मा सहभागी कलाकार के रूप उपस्थित थे।

‘नर्क में भी जगह नहीं‘ के मंचन से दिया सामाजिक कुरीतियों से दूर रहने का संदेश
परिमल भट्टचार्य और उनके सार्थियों ने मानव तस्करी एवं महिला व्यापार के थीम पर आधारित ‘‘नर्क में भी जगह नहीं‘‘ नाट्क का मंचन किया। इस नाट्क के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों को रेखांकित करते हुए महिला व्यापार एवं मानव तस्करी जैसे घिनौने कार्यो में संलग्न रहने वाले लोगों को मरने के बाद नर्क में भी जगह नहीं मिलने की भावना को प्रदर्शित किया गया। नाटक के माध्यम से बुरी आदतें, बुरी संगत और सामाजिक कुरीतियों से दूर रह कर सत्य, अहिंसा और सदभावना के पथ पर चलने का संदेश दिया गया।

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