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जेसोवा अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर रहा है : रघुवर दास

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जेसोवा अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर रहा है : रघुवर दास

सिटी पोस्ट लाइव,रांची : अपना देश त्योहारों का देश है। भारतीय संस्कृति और दर्शन सदैव सामूहिकता पर बल देता रहा है, और इसे हमारे संस्कारों में भी पिरोया गया है। क्योंकि सर्व और सामूहिकता के उत्सव में आनंद ही कुछ और होता है। इसमें परमानन्द की अनुभूति होती है। परमानंद की अनुभूति की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए जेसोवा ने दिवाली मेला का आयोजन किया है, जो प्रशंसनीय है। पर्व,त्योहार हर व्यक्ति के जीवन में विशेष स्थान रखता है और यह विशेषता और बढ़ जाती है जब इसका आयोजन सार्वजनिक रूप से होता है जो हमारी एकता को बढ़ता है। मेलजोल बढ़ाने के इस माध्यम यानि मेला में राज्य के सभी लोग भाग लें और आने वाले उत्सव दीवाली का स्वागत करें। उपरोक्त बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कही। श्री दास आज मोरहाबादी में झारखण्ड आईएएस ऑफिसर्स वाइफ एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित दीवाली मेला के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने इस अवसर पर राज्य के सभी लोगों को दीवाली अग्रिम शुभकामनाएं दी।

शहीदों का सम्मान एक नेक कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि जेसोवा ने अब तक बहुत अच्छा कार्य किया है। देश की सुरक्षा में शहीद होने वाले वीरों के आश्रितों, शिक्षा से वंचितों को शिक्षा, गंभीर बीमारी से जूझ रहें लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करना एक नेक कार्य है। जेसोवा ने जिस प्रकार आज देश की सुरक्षा में शहीद दो जवानों के आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान की वह सराहनीय है। हम किसी की जान लौटा नहीं सकते लेकिन उनके पीछे रह गए उनके परिजनों के काम तो आ सकते हैं। यही कार्य जेसोवा कर रहा है।

दीवाली में ही क्यों वर्ष भर क्यों नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि दीवाली जैसा पावन पर्व हमें स्वच्छता के प्रति जागरूक भी करता है। वर्ष भर की फैली गंदगी को हम अपने घर, दुकान व अन्य स्थानों से हटाते हैं। क्या ऐसा नहीं हो सकता कि हम स्वच्छता हेतु दीवाली वर्ष भर मानये और अपने, घर, मुहल्ला, शहर और राज्य को स्वच्छ बनायें। हर दिन एक नई उम्मीद लेकर आता है एक नया संकल्प कुछ करने का तो क्यों ना हम मिलकर संकल्प लें और स्वच्छता का संचार जन जन तक करें। ताकि हर दिन और हर रात दीवाली हो।

कुम्हारों के आर्थिक उन्नयन के वाहक बनें

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिकता के इस दौड़ में हम पारंपरिकता को कहीं पीछे छोड़ते जा रहें हैं। प्लास्टिक की प्रतिमाएं और साजसज्जा की वस्तुओं का क्रय करते हैं। जबकि सदियों से परंपरा मिट्टी के दीयों और प्रतिमाओं की रही है। आधुनिकता भी जरूरी है लेकिन परंपरा को साथ लेकर चलना उससे भी जरूरी। दीवाली एक ऐसा त्योहार जिसका इंतजार हमारे कुम्हार भाई और बहन पूरे साल करते हैं। दीया, मिट्टी के खिलौने और भगवान की प्रतिमाएं बनाते हैं। उनकी कला को सम्मान देना और उनके आर्थिक उन्न्यन में सहायक बनाना हमारा फर्ज है और सदियों से चली आ रही परंपरा भी यही संदेश देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आनेवाले दिनों में आंगनबाड़ी में पढ़ाई कर रहे बच्चों के कपड़े खरीदने का काम स्वयं सहायता समूह द्वारा किया जाएगा। सरकार SHG की महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण भी देगी। ताकि वे ही बच्चों के कपड़ों की सिलाई करें और स्वावलंबन की ओर एक कदम और बढ़ायें। सचिव जेसोवा श्रीमती ऋचा संचिता ने कहा कि जेसेवा मेला का आयोजन 2005 से होता आ रहा है। इस वर्ष मेला में 240 स्टाल लगे हैं। देश भर के उद्यमियों और स्वयं सहायता समूह ने स्टाल लगाया है। जहां देश भर के उत्पाद मेला आनेवाले देख और खरीद सकते हैं। जेसेवा ने 40 दिव्यांग छात्रों को स्किल्ड कर रोजगार से जोड़ा है। आज वे एक आम आदमी की तरह कार्य कर सकते हैं। जेसेवा ने आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद ले कर मॉडल स्कूल में तब्दील किया है। स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य हुए हैं। 3 ट्राइबल लाइब्रेरी के स्थापना की योजना है। कांके में एक लाइब्रेरी की स्थापना की गई है। खूंटी के 2 लाइब्रेरी का शुभारंभ जल्द होगा। सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए पिछले वर्ष शहीदों की आश्रितों को आर्थिक सहायता किया गया था। इस वर्ष भी शहीदों के आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान किया जाएगा। श्रीमती ऋचा संचिता ने कहा कि होनहार बच्चों को हमेशा से आगे बढ़ाने का कार्य जेसेवा कर रहा है।

शहीदों के आश्रितों को मिला सम्मान

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दो शहीदों की धर्मपत्नी श्रीमती सुचिता तिर्की व श्रीमती गुरीति कुजूर को 50-50 हजार का चेक सौपा। साथ ही पंख स्कूल हटिया व  गन्नाथपुर के बच्चों को मुख्यमंत्री ने गर्म कपड़े प्रदान किया। अजय मिश्रा के आखों की गंभीर बीमारी के इलाज हेतु 15 हजार रुपये का चेक मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती रुक्मणी देवी ने मधुकम और अरगोड़ा के आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को गर्म कपड़े प्रदान किया। चार दिनों तक आयोजित जेसोवा मेला में कुल 240 स्टाल लगाये गए हैं। परिधानों के साथ साथ सज सज्जा की वस्तुएं आकर्षण का केंद्र हैं। झारखण्ड, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, पंजाब, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, कश्मीर व पड़ोसी देश बंगला देश व नेपाल के बुनकरों ने भी मेला में स्टाल लगाया है।

 सरकार की सुविधाओं का लाभ लें : इस मेले में राज्य सरकार ने आधार कार्ड, वोटर आईडी, दिव्यांग प्रमाण पत्र,  आँख व अन्य स्वास्थ्य से संबंधित शिविर, GST हेतु जागरूकता से संबंधित स्टॉल लगाया है। ये सुविधाएं लोगों को निःशुल्क दी जायेंगी। उद्घाटन समारोह में मुख्य सचिव श्री सुधीर त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार वर्णवाल, जेसोवा प्रेसिडेंट श्रीमती दिव्या त्रिपाठी, मिली सरकार, अनिता शर्मा, सरिता पांडे, मिनी सिंह, अमिता खंडेलवाल, प्रभा रहाटे, अनिता सिन्हा, निकी टोप्पो, मनु झा, ज्योति भजंत्री समेत अन्य उपस्थित थे।

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