बांका मस्जिद में बिस्फोट को लेकर JDU-BJP आमने-सामने.
उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी को दी नसीहत, कहा- इंटरनल फोरम पर BJP नेताओं को रखनी चाहिए बात.
सिटी पोस्ट लाइव :बांका मस्जिद बिस्फोट को लेकर बिहार में सियासी घमाशान शुरू हो गया है.सत्ताधारी बीजेपी के नेताओं ने मदरसे में विस्फोट पर कड़ा रूख अख्तियार किया है. बीजेपी के विधायक और अन्य नेताओं ने तमाम मदरसों की जांच और बंद करने की मांग की है. इस पर जदयू के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.इधर बांका के मदरसा में हुए विस्फोट के बाद जेडीयू बैकफुट पर है. जेडीयू नेताओं की तरफ से कहा जा रहा है कि पूरे मामले की जांच जारी है. इस मामले को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. पुलिस अपना काम कर रही है. जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बांका की घटना पर कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मदरसों को बंद नहीं होना चाहिए. अगर मदरसों में कहीं कुछ कमी है तो उसे दूर करना चाहिए.
पूर्व सीएम जीतनराम मांझी द्वारा बिहार एनडीए में को-ऑडिनेशन कमिटी बनाये जाने की मांग को सत्ताधारी जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने सिरे से खारिज कर दिया. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अभी इसका कोई औचित्य नहीं. हर बात को हमेशा उठाने का कोई मतलब नहीं.उपेन्द्र कुशवाहा ने बिना नाम लिये बीजेपी नेताओं को भी नसीहत दी. बिहार बीजेपी नेताओं द्वारा दलितों और मुस्लिमों का इश्यू बनाने और धर्मांतरण वाले बयान पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हम सब से अपेक्षा रखते हैं कि गठबंधन धर्म का पालन हो. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सहित अपने दल लोगों से भी अपेक्षा है कि कोई भी बात को इंटरनल फोरम पर उठाएं. सरकार अकेलेजदयू और बीजेपी की नहीं है बल्कि सरकार में अन्य लोग भी हैं.
उन्होंने कहा कि किसी भी कमी को दूर करने की जिम्मेदारी सबों की है. नीति आयोग की रिपोर्ट और विशेष दर्जे पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि विशेष दर्जा कोई नई मांग नही हैं. यह हम सबों की पुरानी मांग है. जब तक यह मांग पूरी नहीं होती इसे उठाते रहेंगे. बिहार को विशेष दर्जा मिलना चाहिए यह बिहार का हक है.आज़ादी के पहले से ही बिहार के साथ सौतेला व्यवहार हुआ है.
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