फर्जी सरेंडर मामले में हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 14 को
सिटी पोस्ट लाइव, रांची : बहुचर्चित फर्जी नक्सली सरेंडर मामले को लेकर हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है । अब तक इस मामले का मास्टरमाइंड कहा जाने वाला रवि बोधरा और सरेंडर करने वाले लगभग 80 युवकों की तरफ से पहली बार कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा गया और कहा गया कि यह सरेंडर फर्जी नहीं है। फर्जी सरेंडर मामले में अब अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी। गौरतलब है कि साल 2014 में 514 आदिवासी युवकों को नक्सली बता कर सरेंडर कराए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें कहा गया कि पिछले दो साल से कोर्ट को गुमराह किया जा रहा है कि सरेंडर फर्जी था, जबकि यह सरेंडर असली था। इससे जुड़े पक्ष में दलील दी गयी। कोर्ट को नक्सल होने का प्रमाण दिया गया। वहीं, मामले पर रेस्पोंडेंड की तरफ से सीबीआई की जांच या रिटायर्ड जज के नेतृत्व में कमिटी बनाकर जांच की मांग की गई। अदालत में इनका पक्ष रख रहे अधिवक्ता के मुताबिक पूरी सरेंडर प्रक्रिया तत्कालीन गृह सचिव, आईजी एसएन प्रधान, रांची एसपी साकेत कुमार सिंह, सीआरपीएफ आईजी डीके पांडे के सहमति से हुआ जो सही था। ज्ञात हो कि साल 2014 में 514 मासूम आदिवासियों को फर्जी तरीके से नक्सली सरेंडर का लाभ दिलाने की लालच देकर उनलोगों से पैसे की उगाही का मामला सामने आया था। मामला बीच में ही उजागर हो जाने पर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी । वहीं, याचिकाकर्ता ने मामले में चार आईपीएस अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाया है और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
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