विश्वेश्वर ओझा हत्याकाण्ड के अनुसंधान को लेकर आरा एसपी को हाई कोर्ट की फटकार
सिटी पोस्ट लाइव : बीजेपी नेता विशेश्वर ओझा हत्या काण्ड की जांच में लापरवाही बरते जाने को लेकर पटना उच्च न्यायालय ने भोजपुर के एसपी को कड़ी फटकार लगाईं है. गौरतलब है कि 11 सितम्बर 20 18 को पुलिस अनुसंधान पर नाराजगी जताते हुए पुलिस अधीक्षक, भोजपुर को वैज्ञानिक अनुसंधान व जाँच की अद्यतन प्रगति की रिपोर्ट शपथपत्र के माध्यम से 15 दिनों के अंदर कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था.दरअसल, कोर्ट ने हत्या काण्ड के षडयंत्र व षड्यंत्रकारियों का पर्दाफाश करने , हत्या काण्ड के वैज्ञानिक अनुसंधान की प्रगति रिपोर्ट सौंपने में प्रयुक्त असलहों की बरामदगी व फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी से सम्बंधित जो जानकारी भोजपुर पुलिस से मांगी उस रिपोर्ट पर हाई कोर्ट ने गहरा असंतोष जाहिर किया है.
मामले की न्यायालय में सुनवाई के दौरान जब याचिकाकर्ता के वकील श्री सुभाष कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि इसी बीच विश्वेसर ओझा हत्या काण्ड के एक मुख्य गवाह कमल किशोर मिश्रा की हत्या कर दी गई है. इस पर कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुये पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है. उच्च न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक बिहार से गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुये पूरे मामले पर 7 दिनों के अंदर शपथपत्र देने का आदेश दिया है.न्यायालय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुये पुलिस महानिदेशक बिहार को “स्वयं” पूरे मामले की समीक्षा करने ,केस के गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपराधियों की गिरफ्तारी करने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने वैज्ञानिक अनुसंधान की प्रगति रिपोर्ट बंद लिफाफे में न्यायालय में प्रस्तुत करने के लिए कहा है.
विश्वेश्वर ओझा के छोटे भाई बीजेपी के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य श्री मुक्तेश्वर ओझा उर्फ भुअर ओझा ने पूरे मामले पर कोर्ट की गंभीरतापूर्ण कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कई बार पूर्व विधायक मुन्नी देवी ने पुलिस महानिदेशक बिहार को पत्र लिखकर व मिलकर मामले की वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए आग्रह किया था. लेकिन उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया .
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