पारा शिक्षकों का राजभवन के समक्ष प्रदर्शन
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सिटी पोस्ट लाइव, रांची : राज्य के पारा शिक्षकों का चरणबद्ध आंदोलन जारी है। पारा शिक्षक प्रमंडलवार 28 अक्टूबर से राजभवन के समक्ष धरना दे रहे है। इस क्रम में गुरुवार को उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल की ओर से प्रदर्शन किया गया। इसमें 10,000 से अधिक की संख्या में शिक्षक शामिल हुए। पारा शिक्षक नेता बजरंग प्रसाद ने कहा कि सरकार अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं करती हैं और 15 नवंबर के पहले कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है, तो झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर राज्यभर के 67 हजार पारा शिक्षक रांची पहुंचेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि सेवा स्थायीकरण समेत अन्य मांगें पूरी नहीं होने पर पारा शिक्षक सत्ताधारी दल के सांसदों और विधायकों का क्षेत्र में विरोध करेंगे। गौरतलब है कि राज्य में करीब 67000 पारा शिक्षक हैं, जो राज्य के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में सेवा दे रहे हैं। इन्हें सरकार की ओर से 5000 से 8000 रुपये तक का मानदेय दिया जा रहा है । राज्य के सभी पारा शिक्षक अपने को छत्तीसगढ़ की तर्ज पर स्थायी करते हुए मानदेय तय करने की मांग कर रहे हैं । मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश पर सरकार ने इन के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी में मुख्य सचिव भी थे। कमेटी की ओर से रिपोर्ट दे दी गई। परंतु पारा शिक्षकों को समिति की रिपोर्ट मंजूर नहीं है। वह छत्तीसगढ़ की तर्ज पर समायोजन की मांग कर रहे हैं। पारा शिक्षकों का कहना है कि वह सरकार को जगाने के लिए 28 अक्टूबर से राजभवन के सामने प्रमंडल वार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बाद 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर वह सरकार से अपेक्षा करते हैं कि सरकार उन्हें छत्तीसगढ़ की तर्ज पर समायोजित करते हुए मानदेय फिक्स कर दे। यदि ऐसा नहीं होता है, तो स्थापना दिवस के दिन पारा शिक्षक कार्यक्रम के दौरान मुर्दाबाद के नारे लगाएंगे और अगर कर देती है तो सरकार जिंदाबाद के नारे लगाएंगे। इसके साथ ही 16 नवंबर से पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे। पारा शिक्षकों का कहना है कि वह इस आंदोलन में सरकार के सामने झुकेंगे नहीं। आंदोलन से अपना हक लेकर रहेंगे ।
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