चुनाव प्रचार के दौरान सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों पर रहेगी चुनाव आयोग की नजर
सिटी पोस्ट लाइव, पाकुड़: चुनाव प्रचार के दौरान सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों पर चुनाव आयोग की नजर रहेगी। राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों को इस पर किए जाने वाले खर्च की जानकारी आयोग को देने के साथ ही सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाने वाले विज्ञापन के कंटेंट की अनुमति भी आयोग से लेनी होगी। आयोग इस बात की जांच करेगा कि विज्ञापन में कहीं चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है। सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार को लेकर चुनाव आयोग की ओर से पिछले लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी सख्ती बरती जा रही है। इस बार भी उम्मीदवारों को सोशल मीडिया पर अकाउंट की जानकारी आयोग को देनी होगी। वहीं, इस मद में होने वाले खर्च का पूरा ब्योरा भी आयोग को उपलब्ध कराना होगा। उम्मीदवारों को इंटरनेट का खर्च, सोशल मीडिया वेबसाइट जिस पर वह अपना विज्ञापन पोस्ट करते हैं, उसे दी गई राशि, विज्ञापन बनाने के लिए किया गया खर्च, सोशल मीडिया संभालने वाले स्टाफ को दिया जाने वाला मानदेय भी आयोग को बताना होगा। आयोग के इस कदम से दिल्ली में इंटरनेट व सोशल मीडिया को चुनाव प्रचार के रूप में प्रयोग करने वाली पार्टियों को अब सोच-समझकर इसका इस्तेमाल करना होगा। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग चुनाव खर्च पर पैनी नजर रखने के साथ ही चुनाव आचार संहिता का सख्ती से पालन कराने को तैयार है।
रैली-सभा के लिए ऑनलाइन करना होगा आवेदन
विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल अथवा उम्मीदवारों को प्रचार-प्रसार, चुनावी रैली, अस्थायी पार्टी कार्यालय आदि के लिए दो दिन पूर्व ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए चुनाव आयोग ने सुविधा एप्प का प्रावधान किया है। इस एप्प के माध्यम से ही राजनीतिक दलों को ऑनलाइन आवेदन करना है। चुनाव की सफलता व निष्पक्षता को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने कई मोबाइल एप्प लांच किया है। इन्हीं में से एक सुविधा एप्प है । कोई भी राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवारों द्वारा चुनाव से संबंधित प्रचार-प्रसार, चुनावी रैली, अस्थायी पार्टी कार्यालय आदि के लिए इसकी जानकारी संबंधित जिला के निर्वाचक अधिकारी को 48 घंटा पूर्व ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से देना होगा। संबंधित पदाधिकारी से अनुमति के उपरांत ही उम्मीदवारों या पार्टी चुनावी सभा अथवा रैली आदि का आयोजन कर सकेंगे।
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