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आनंद किशोर को मिला ईनाम, 3 साल के लिए फिर से बिहार बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष पद पर वर्तमान अध्यक्ष आनंद किशोर एक बार फिर तीन वर्षों के लिए अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं. मंगलवार को शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक 25 सितंबर 2020 के प्रभाव से आनंद किशोर को अगले तीन वर्षों के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. शिक्षा विभाग ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का पुनर्गठन भी कर दिया है.इसमें अध्यक्ष आनंद किशोर सहित आठ सदस्य हैं.

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में एक बार फिर आनंद किशोर को तीन वर्षों के लिए नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. आनंद किशोर के कार्यकाल में बिहार बोर्ड ने सबसे पहले वार्षिक परीक्षाओं का परिणाम जारी करने का कीर्तिमान स्थापित किया है. साल 2019 और 2020 में देश में सबसे पहले मैट्रिक और इंटर परीक्षा का परिणाम बिहार बोर्ड ने ही जारी किया.

इस साल 24 मार्च को ही बिहार बोर्ड ने इंटर परीक्षा का परिणाम प्रकाशित कर दिया जबकि कोरोना संकट के बीच ही मैट्रिक परीक्षा का परिणाम 26 मई को प्रकाशित किया गया.देश में पहली बार बिहार बोर्ड ने ही अपने सभी विद्यार्थियों की कॉपियों पर फोटो और नाम पहले से प्रिंट करा कर दिए.इसमें परीक्षार्थियों के नाम, रोल कोड, रोल नंबर, विषय कोड, परीक्षा की तिथि भी पहले से प्रिंटेड आई. बोर्ड ने बारकोडेड कॉपियों के अंकों की प्रविष्टि मूल्यांकन केंद्रों से सीधे कंप्यूटर से की जिससे परिणाम के प्रकाशन में तेजी आई. बिहार बोर्ड ने ही पहली बार सभी विषयों के प्रश्नपत्रों के 10 सेट तैयार कराकर नकल की आशंका को कम किया.

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में एक बार फिर आनंद किशोर को तीन वर्षों के लिए नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. आनंद किशोर के कार्यकाल में बिहार बोर्ड ने सबसे पहले वार्षिक परीक्षाओं का परिणाम जारी करने का कीर्तिमान स्थापित किया है. साल 2019 और 2020 में देश में सबसे पहले मैट्रिक और इंटर परीक्षा का परिणाम बिहार बोर्ड ने ही जारी किया.इस साल 24 मार्च को ही बिहार बोर्ड ने इंटर परीक्षा का परिणाम प्रकाशित कर दिया. जबकि कोरोना  संकट के बीच ही मैट्रिक परीक्षा का परिणाम 26 मई को प्रकाशित किया गया. इसके अलावा देश में पहली बार बिहार बोर्ड ने ही अपने सभी विद्यार्थियों की कॉपियों पर फोटो और नाम पहले से प्रिंट करा कर दिए.इसमें परीक्षार्थियों के नाम, रोल कोड, रोल नंबर, विषय कोड, परीक्षा की तिथि भी पहले से प्रिंटेड आई। बोर्ड ने बारकोडेड कॉपियों के अंकों की प्रविष्टि मूल्यांकन केंद्रों से सीधे कंप्यूटर से की जिससे परिणाम के प्रकाशन में तेजी आई. बिहार बोर्ड ने ही पहली बार सभी विषयों के प्रश्नपत्रों के 10 सेट तैयार कराकर नकल की आशंका को कम किया.

विद्यार्थियों की सहूलियत के लिए बिहार बोर्ड ने परीक्षाओं में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या को बढ़ा दिया. मैट्रिक और इंटर परीक्षा में बोर्ड ने 50 फीसदी वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछने की शुरुआत की, जिसमें 20 प्रतिशत अतिरिक्त प्रश्नों को विकल्प के रूप में दिया. इसके साथ लघु उत्तरीय प्रश्नों में 75 फीसदी अतिरिक्त विकल्प दिए गए. जबकि दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों में 100 फीसदी. इसके अलावा बेहतर अंकों के लिए बोर्ड ने स्टेपवाइज मार्किंग सिस्टम को भी अपनाया, जिससे विद्यार्थियों की उत्तीर्णता का प्रतिशत बेहतर हुआ.

आनंद किशोर के कार्यकाल में बिहार बोर्ड ने इंटर में नामांकन की प्रणाली को भी बदला. अब इंटर में नामांकन ऑनलाइन फैसिलिटेशन सिस्टम फॉर स्टूडेंट्स (ओएफएसएस) के जरिए होता है. साल 2018 में 11.22 लाख विद्यार्थियों ने इंटर में नामांकन लिया, जबकि 2019 में 12 लाख से अधिक नामांकन हुए. साल 2020 में नामांकन के लिए 12.50 लाख आवेदन आए हैं, जिसके आधार पर नामांकन प्रक्रिया जारी है.

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