सिटी पोस्ट लाइव :लॉकडाउन का बिहार में दोहरा असर दिखने आगा है.एक तरफ संक्रमण की रफ़्तार धीमी हुई है वहीं वायु प्रदुषण बहुत कम हुआ है.पहले जहाँ 15 हजार से 16 हजार संक्रमण के नए मामले आ रहे थे अब घटकर 11 हजरसे नीचे आ गया है.रिकवरी रेट पहले से बहुत अच्छा हो गया है. लॉकडाउन के सातवें दिन ही पटना की हवा में 50 फीसदी प्रदूषण कम हो गया है. वायु प्रदूषण के मामले में हमेशा टॉप पर रहने वाले पटना शहरी क्षेत्र का एक्यूआई लेवल मंगलवार को घटकर 83 पर पहुंच गया है. 5 मई के पहले एक्यूआई लेवल 150 से अधिक रहता था.
लॉकडाउन की वजह से पटना समेत पुरे बिहार के लोग साफ और स्वच्छ हवा में सांस ले रहे हैं. सड़कों पर गाड़ी कम चलने और काम-धंधा बंद होने से जिंदगी ठहर-सी गई है, लेकिन इसका फायदा भी दिख रहा है. सड़कों पर वाहन न के बराबर होने से धुआं कम निकल रहा है. प्रदूषण फैलाने वाले धंधे भी बंद हैं। यही कारण है कि हवा स्वच्छ हो गई है.तारामंडल और सचिवालय इलाके में अभी भी प्रदुषण ज्यादा है.इन इलाकों में एक्यूआई लेवल 160 तक पहुंचा है. इसकी वजह यह है कि जो भी गाड़ियां चल रही हैं, उनमें से ज्यादातर इन्हीं ईलाकों से गुजरती हैं.गांधी मैदान, वेटनरी मैदान, पटना सिटी सहित अन्य आसपास के इलाकों में एक्यूआई लेवल 100 से नीचे है.
वायु प्रदूषण विशेषज्ञ अंकिता ज्योति के अनुसार लॉकडाउन लगने के बाद राजधानी में एक्यूआई लेवल तेजी से घटने लगा है. इसकी मुख्य वजह है भवन निर्माण कार्य में कमी, सड़क पर वाहनों की कमी और लोग कम निकल रहे हैं. छह दिन में 50 प्रतिशत से ज्यादा वायु प्रदूषण में कमी आई है. शहरी क्षेत्र में पहले की तुलना में 20 फीसदी से भी कम वाहन चल रहे हैं. वाहन नहीं चलने के कारण सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और धूल कण आरएसपीएम व एसपीएम का उत्सर्जन नहीं हो रहा है.अगर इसी तरह से प्रदुषण नियंत्रित रहा तो ऑक्सीजन की वजह से मरनेवाले मरीजों की संख्या में भी कमी आ सकती है.
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