#citypostlive दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं व्यवसाय प्रशासन विभाग में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन मे देश के विभिन्न प्रदेशों समेत विश्व के करीब 6 देशों के विद्वान प्रतिनिधि ने भाग लिया एवं प्रत्रवाचन किया। “वैश्वीकरण के युग में पर्यटन के उभरते परिदृश्य” विषय पर आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में वाणिज्य एवं प्रबंधन के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र से जुड़े राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय विद्वान प्रतिनिधियों ने पर्यटन की समस्याएं, महत्व, आवश्यकता एवं संभावना समेत विभिन्न पहलुओं पर विचार मंथन किया। सेमिनार के दूसरे दिन दो तकनीकी सत्रों का आयोजन हुआ। तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता प्रो. एम. के. सिंह हजारीबाग, झारखंड तथा प्रो. एच. के. वाराणसी, उत्तर प्रदेश ने की। प्रतिवेदको में डॉ. सूर्यकांत कुमार एवं डॉ. रश्मि कुमारी थी। इन सत्रों में क्रमश 63 एवं 68 पत्रों का वाचन हुआ। तकनीकी सत्रों के प्रबंध का दायित्व डॉ. एस. के. झा एवं श्याम कुमार ने किया। तकनीकी सत्रों में पर्यटन क्षेत्र की संभावनाओं एवं समस्याओं पर व्यापक और बहुआयामी विमर्श हुआ। पर्यटन के समुचित विकास हेतु बेहतर आधारभूत संरचना की अनिवार्यता सामने आई। बिहार और मिथिलांचल में ग्राम तथा धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं का दोहन किया जा सकता है। परिणाम स्वरूप राज्य तथा क्षेत्र की बेहतरी का अनुमान लगाया जा सकता है। सम्मेलन के समापन का आयोजन जुबली हॉल में हुआ। डॉ. दिवाकर झा के स्वागत भाषण उपरांत उद्घाटन एवं तकनीकी सत्रों के प्रतिवेदको ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। विशिष्ट अतिथि डॉ. एच. के सिंह ने बिहार ही नहीं संपूर्ण भारत वर्ष में पर्यटन के विकास की संभावनाओं पर जोड़ दिया। डॉ. एल. पी सिंह ने पर्यटन उद्यमिता को बढ़ावा देने पर बल दिया। वहीं अध्यक्षीय भाषण में प्रो. एम. के सिंह हजारीबाग झारखंड ने पर्यटन के विविध आयामों की चर्चा की। उन्होंने इसके विकास की राह की बाधाओं को दूर किए जाने के प्रयास की आवश्यकता जताई। सम्मेलन के समापन सत्र में आगत अतिथियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन आयोजक सचिव प्रो. एच के सिंह ने किया। मंच संचालन डॉ. आशीष कुमार ने किया।
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