#citypostlive दरभंगा : पहली बार कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के दौरान प्रतिभागियों के डेÑस कोड में पाग को जगह मिली है। पाग मिथिला की पहचान है और देश में पहली बार संस्कृत विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के अवसर पर पाग की स्वीकृति राजभवन के संयुक्त सचिव विजय कुमार ने विश्वविद्यालय के कुलपति को भेजे पत्र में कहा है कि सम्यक विचारोंपरांत मालवीय पगड़ी के स्थान पर पाग की व्यवस्था किये जाने की सहमति दी है। सनद रहे कि इससे पहले ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में तत्कालीन कुलाधिपति ने गौन की जगह धोती-कुर्ता और मालवीय पगड़ी स्वीकृति दी थी। वर्तमान कुलाधिपति द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सर्वनारायण झा के प्रस्ताव पर पाग के लिए जो स्वीकृति दी है, उसका मिथिला में काफी स्वागत हो रहा है। सनद रहे कि दीक्षांत समारोह में सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक पद्मश्री बिंदेश्वर पाठक, पूर्व कुलपति प्रो. मुनेश्वर झा, उड़िसा के डॉ. हरिहर झा और वाराणशी के प्रो. कृष्णचंद्र द्विवेदी को मानद उपाधि प्रदान किये जाने की स्वीकृति भी कुलाधिपति ने दी है।
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