City Post Live
NEWS 24x7

आर्म्स एक्ट में फंसी मंजू वर्मा की जमानत याचिका पर सोमवार को होगा फैसला

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

आर्म्स एक्ट में फंसी मंजू वर्मा की जमानत याचिका पर सोमवार को होगा फैसला

सिटी पोस्ट लाइव : आर्म्स एक्ट मामले में आरोपी बिहार सरकार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला अब सोमवार को होगा. सबकी नजर पटना हाईकोर्ट के आदेश पर टिकी है कि पूर्व मंत्री और उनके पति को जमानत मिलती है या जेल जाना पड़ता है. आज ही इस मामले पर कोर्ट में फैसला आना था. लेकिन आर्म्स एक्ट मामले में आज कोर्ट में सिर्फ सुनवाई हो सकी. आज फैसला नहीं आ सका.  मुख्य न्यायाधीश द्वारा नियुक्त न्यायाधीश एस कुमार ने मामले पर सुनवाई की.

इससे पहले गुरुवार को न्यायमूर्ति एस कुमार की एकलपीठ ने अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने पूर्व मंत्री को अग्रिम जमानत दे दी, लेकिन राज्य सरकार की ओर से एपीपी अजय मिश्रा की ओर से उठाई गई आपत्ति के बाद कोर्ट ने आदेश वापस ले लिया. उनका कहना था कि मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले से संबंधित सभी मामलों की सुनवाई एक कोर्ट में करने का आदेश दिया है. ऐसे में मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास भेजा जाना चाहिए ताकि उनके द्वारा गठित खास न्यायालय में सुनवाई हो सके. कोर्ट ने एपीपी की दलील सुनने के बाद खंडपीठ का आदेश पेश करने का निर्देश दिया.

गौरतलब है कि गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले में सीबीआई ने पूर्व मंत्री के पुस्तैनी घर पर जब छापेमारी की तो वहां अवैध रूप से रखी गोली बरामद हुआ. सीबीआई रेड के दौरान मंत्री के आवास से जो कारतूस वरामद हुए वो प्रतिबंधित थे.उसे सिर्फ सेना और पुलिस विभाग को दिया जाता है. मुजफ्फरपुर स्थित एक बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ यौन शोषण मामले की जांच कर रही सीबीआई द्वारा गत 17 अगस्त को की गई छापेमारी के दौरान बेगूसराय जिला के चेरिया बरियारपुर थाना अंतर्गत अर्जुन टोला गांव स्थित मंजू वर्मा के पति के आवास से विभिन्न हथियारों के साथ 50 कारतूस बरामद किया गया था.

इस मामले को लेकर सीबीआई ने स्थानीय अदालत में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा एवं उनके पति चन्द्रशेखर वर्मा के विरूद्ध चेरिया बरियारपुर थाना में कांड संख्या 143 दर्ज कराया था.नीचली अदालत से अग्रिम जमानत याचिका खारिः होने के बाद पूर्व मंत्री राहत के लिए हाईकोर्ट पहुंची हुई हैं. अब हाईकोर्ट के फैसले पर ही उनका राजनीतिक भविष्य टिका हुआ है.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

Comments are closed.