#citypostlive दरभंगा : बम्बई हाई कोर्ट के प्रख्यात वकील मीनू मसानी की जयंती वकालतखाना में मंगलवार को मनाई गई। वे 1929 में बम्बई उच्च न्यायालय में वकालत की शुरूआत की। 1932 में वकालत छोड़कर सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लेने के कारण एक साल के लिए कारावास की दण्ड भुगते। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में जेल गये। जेल से छूटते के बाद 1943 में बम्बई के महापौर बने। 1946 में भारत के संविधान सभा का सदस्य चुने गये। संविधान निर्माण में नागरिकों के मूल अधिकारों से संबंधित समिति के सदस्य बने। तत्कालीन बिहार के रांची से 1957 में लोक सभा का सदस्य निर्वाचित हुए। वे 1952 में एक मासिक पत्रिका “फ्रीफ्रीडम फस्ट ” का प्रकाशन शुरू किया। 1975 में “फ्रीडम फस्ट ” पर सेंसर की बंदिशों को लेकर बम्बई उच्च न्यायालय गये और कोर्ट ने बंदिशों को अबैध ठहराया। वे प्रखर सांसद, लेखक, वकील व पत्रकार थे। दरभंगा के वकीलों ने अपने वकील साथी मीनू मसानी की जयंती मनाई । वहीं संकल्प लिया कि समाज, प्रांत, राष्ट्र की सेवा में पूर्व की भांति वकीलों को आगे आना चाहिए। उनका अरुल नाम मिनोचेर रुस्तम मसानी था।
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