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रात भर होती रही झमाझम बारिश, शहर के कई ईलाकों की स्थिति बनी नारकीय.

अधिकतर सड़कों को खोद कर छोड़ा, अब पानी भर जाने से गड्ढे बने जानलेवा, फंस रहीं गाड़ियां.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार की राजधानी पटना में गुरुवार शाम से झमाझम बारिश शुरू होने की वजह से लोग  जलजमाव की आशंका से सहम गए हैं. प्रशासन के अलर्ट होने  से पानी तेजी से शहर से निकलता रहा लेकिन फिर भी शहर के कई ईलाकों में जल जमाव हो गया है.शहर की की वो सभी सड़कें जानलेवा हो गई हैं, जिसे खोदकर छोड़  दिया गया है.गड्ढों में पानी भर गया है और गाड़ियां फंस जा रही हैं. बुद्धमार्ग में गड्ढे में नगर निगम की एक गाड़ी फंस गई. इन सड़कों की मरम्मत के दावे किए जाते रहे, लेकिन काम नहीं हुए.

जलजमाव से सबसे अधिक प्रभावित रहने वाले इलाकों कंकड़बाग कॉलोनी और राजेंद्रनगर से कदमकुआं तक देर रात तक स्थिति ठीक रही. लेकिन, निचले इलाकों में पानी भरने लगा. इन इलाकों से पानी निकालने के लिए पंप की व्यवस्था की गई है. नगर निगम का दावा है कि पानी रुकते ही इन इलाकों से पानी निकाल दिया जाएगा. जलजमाव से निपटने के लिए अनाचालों  में जेसीबी के साथ विशेष टीमों को तैनात किया गया है. सूचना मिलते ही टीम को रवाना किया जाएगा.

रात में भी काम पर अधिकारी लगे रहे.नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने कहा कि कोरोना के गंभीर संकट काल में तूफान या भारी बारिश से किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए ठोस इंतजाम किए गए हैं. अगर रात में सूचना मिलेगी तो टीम सुबह का इंतजार नहीं करेगी. उसी समय समस्या को दूर किया जाएगा.हर वार्ड के सफाई निरीक्षक को अलर्ट रहने को कहा गया है.

नगर आयुक्त ने कहा कि वार्डों में जर्जर घरों पर भी नजर रखने का निर्देश दिया गया है. पाटलिपुत्र कॉलोनी की सड़कों पर देर शाम आधा से एक फीट तक पानी लगा देखा गया. पूर्वी लोहानीपुर, रामलखन पथ, रामकृष्णानगर और जगनपुरा के भीतरी मोहल्लों के  लोगों को जलजमाव का सामना करना पड़ रहा है. सिपारा से अनीसाबाद तक दक्षिणी ईलाकों की गलियों में भी यही स्थिति है. दीघा, करबिगहिया, बेउर के शिवनगर में भी पानी भरने का मामला सामने आया है.

शहर में नमामि गंगे परियोजना  का काम बंद हो गया है. एजेंसी और संबंधित विभाग के अधिकारियों को सडकों पर  खोदे गए गड्ढे को एक सप्ताह के अंदर भरने का निर्देश दिया है. डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि बारिश के दौरान नमामि गंगे का काम पूरी तरह बंद रहेगा. मानसून बाद बचा काम होगा. आमलोगों की परेशानी को देखते हुए गड्ढा को एक सप्ताह के अंदर भरने का निर्देश दिया गया है.डीएम ने गुरुवार को  बैरिया से पुनपुन नदी तक बादशाही नाला और एयरपोर्ट से सचिवालय, ईको पार्क, महालेखाकार कार्यालय होते मंदिरी नाले में मिलने वाले सर्पेंटाइन नाले का जायजा लिया. इस दौरान जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों और निगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी को 31 मई तक नाला सफाई कराने का निर्देश दिया.

डीएम ने निगम के अधिकारियों को नाला की सफाई के बाद निकाली जाने वाली गाद को तत्काल हटाने का निर्देश दिया. नगर विकास विभाग ने पटना के सभी संप हाउस पर जूनियर इंजीनियर से लेकर चीफ इंजीनियर तक की तैनाती की गई है. उन्हें स्पष्ट कहा गया है कि अगले दो-तीन दिन तक किसी भी सूरत में कहीं जलजमाव नहीं होना चाहिए. प्रधान सचिव के निर्देश पर सभी पंपिंग स्टेशनों पर तैनात अधिकारियों और कर्मियों का नाम और नंबर भी लगाया जा रहा है.

बुडको ने वर्ष 2019 के जलजमाव से सीख लेते हुए शहर के 39 स्थायी और 22 अस्थायी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों के 24 घंटे काम करने के लिए चीफ इंजीनियर राजेंद्र प्रसाद सिंह को  जिम्मेदारी सौंपी है. उनकी सहायता के लिए दो सुपरिटेंडिंग इंजीनियर, एक एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, 6 असिस्टेंट इंजीनियर और 3 जूनियर इंजीनियरों की तैनाती की गई है.सभी के मोबाइल नंबर सार्वजनिक कर दिए गए हैं. शिकायत दर्ज कराने के लिए बुडको ने टोल फ्री नंबर 18003456130 जारी किया है. इसपर जलजमाव की सूचना मिलते ही ये इंजीनियर तुरंत कार्रवाई करेंगे. इसके अलावा नगर निगम के सभी छह अंचलों में दो दो क्विक रिस्पांस टीम काम कर रही है.

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