सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में मानसून सक्रीय है. सोमवार की सुबह से हो रही बारिश की वजह से पटना शहर की स्थिति नारकीय हो गई है.कई मुहल्लों की सडकों पर दो से तीन फीट पानी भर गया है.शहर की ज्यादातर सडकों को खोदकर छोड़ दिया गया है,पानी भर जाने से in सडकों पर चलना खतरे से खाली नहीं है. कदमकुआं इलाके में तीन फीट तक पानी भर गया है. पाटलिपुत्र कॉलोनी और बेउर में लोगों को जल जमाव की वजह से घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.
कदमकुआं के जगत नारायण रोड, बुद्धमूर्ति आदि इलाकों में पानी घुसने के कारण सड़क पर दर्जनों बैकर्स फंसे. लोहानीपुर, राजेंद्रनगर रोड नंबर एक व दो में दो से ढाई फीट तक पानी जमा हो गया है. बारी पथ से सटे दोनों तरफ के ईलाकों में जलजमाव काफी ज्यादा हो गया है. खेतान मार्केट के पास करीब तीन फीट तक पानी लगा है.सैदपुर रोड में भी कई स्थानों पर पानी लग गया है.कंकड़बाग इलाके के पोस्टल पार्क से मीठापुर के बीच कई स्थानों पर पानी जमा हो गया है.पटना के इलाकों में रामकृष्णा नगर, जगनपुरा, सिपारा, सरिस्ताबाद, अल्कापुरी, चितकोहरा, अनीसाबाद व बेउर के इलाकों में लगभग सभी ईलाकों में भर गया है.। नमामि गंगे परियोजना के कारण खोदी गई सड़कों पर लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है.
पैदल भी सडकों पर चलना अब मुश्किल हो गया है. एयरपोर्ट रोड में भी करीब डेढ़ फीट पानी जमा हो गया है. गांधी मैदान में रामगुलाम चौक के पास भारी जलजमाव हो चूका है. राजीवनगर व कंकड़बाग में भी जल जमाव से जन-जीवन अस्त व्यस्त है. नगर निगम का कहना है कि सोमवार शाम को करीब 52 मिलीमीटर बारिश होने से पानी जमा ही गया है. इसे निकालने की कार्रवाई की जा रही है. निगम प्रशासन ने कहा कि जिन इलाकों में नाले से पानी तेजी से नहीं निकल रहा है, वहां पंप लगाकर पानी निकालने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
बुडको के अधिकारियों के अनुसार जलजमाव से निपटने के लिए टीम की तैनाती की है. 70 इंजीनियर और सौ से अधिक पंप चालकों को इसमें लगाया गया है.टोल फ्री नंबर 18003456130 भी जारी किया है, जिसपर लोग जलजमाव की सूचना दे सकते हैं. सभी अस्थायी 25 ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन पर सहायक अभियंता व कनीय अभियंता स्तर के अधिकारी को लगाया गया है. स्थायी 41 ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन पर भी सहायक व कनीय अभियंता को लगाया गया है. नगर निगम के स्तर पर भी संप हाउस पर प्रतिनियुक्ति की गई है. संप हाउस पर सभी पंपों को चलाने के लिए तमाम बाधाओं को दूर किया गया है.
सैदपुर नहर के साइड वॉल को दुरुस्त नहीं किया जा सका है जिससे सैदपुर रोड पर खतरा बढ़ गया है. अगर तेज बारिश हुई तो आसपास के मकानों पर इसका असर हो सकता है. अब बांस की चचरी और बालू की बोरी के सहारे पानी के तेज बहाव से कटाव रोकने की कोशिश की जा रही है. सितंबर 2019 में भारी बारिश और जलजमाव के दौरान साइड वॉल क्षतिग्रस्त हो गया था. पिछले साल बारिश के दौरान दोनों तरफ साइड वॉल क्षतिग्रस्त होने के कारण सड़क पर खतरा उत्पन्न हो गया है.
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