सचिवालय में भी शुद्ध पेयजल नहीं है नसीब, कर्मियों ने चिपकाया पोस्टर, मचा बवाल
सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत सुदूर देहाती ईलाकों के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार काम कर रही है. लेकिन इस बीच पटना के पुराने सचिवालय में एक पोस्टर चिपका दिया गया है. यह पोस्टर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा चिपकाया गया है. जिसमे लिखा है कि ‘यहाँ शुद्ध पेयजल जरुरी नहीं है. क्योंकि यह सामान्य प्रशासन विभाग है’. सचिवालय में सामान्य प्रशन विभाग के द्वारा चिपकाए गए इस पोस्टर का क्या मतलब है? गौरतलब है कि यहीं पर मुख्य सचिव से लेकर गृह सचिव और मुख्यमंत्री का भी दफ्तर है. लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि उनको पीने के लिए शुद्ध पेयजल तक उपलब्ध नहीं है.
सामान्य प्रशासन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि सचिवालय में हर विभाग में आरो लगा है.लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. उन्हें नल का प्रदूषित पानी पीना पड़ता है. कुछ लोग दूसरे विभाग में जाकर पानी पिटे हैं. कभी कभी दूसरे विभाग के लोग पानी देने से भी मन कर देते हैं. जाहिर है मांग बहुत वाजिब है और सवाल बहुत बड़ा है- जब सचिवालय में अधिकारियों को पीने के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं है फिर सरकार गावं देहात में कैसे शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा देने का दावा कर रही है?
अब इस पोस्टर को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. विपक्ष ने सरकार के सात निश्चय योजना पर सवाल खड़ा कर दिया है. उनका कहना है कि जहाँ मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव बैठते हैं, वहां जब पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है फिर यह सरकार आम लोगों को कैसे शुद्ध पेयजल पहुंचाने का दावा कर रही है. सत्ताधारी दल के प्रवक्ता नीरज कुमार भी कहते हैं कि कर्मियों की मांग जायज है. उन्हें शुद्ध पेयजल तुरत उपलब्ध कराया जाना चाहिए.
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