City Post Live
NEWS 24x7

गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराना चाहता है एक दिव्यांग

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

मनीष में जो जिंदगी जीने का जो जज्बा है वो काबिले तारीफ है. मेहनत और जिंदगी की कसौटी को पार करने में लगे मनीष की मुश्किलें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में नाम दर्ज होने पर थोड़ा तो कम होगा और अपने मां-बाप का नाम रौशन करने का उसका सपना पूरा हो पाएगा.

सिटीपोस्टलाईव:पटना का मनीष कुमार देश भर में चर्चित हैं.चर्चा में वो अपने किसी कारनामे की वजह से नहीं बल्कि अपनी 25 उंगुलियों की वजह से हैं.सबको हाथ पैर मिलकर कुल 20 उंगुलियां होती हैं.लोग भले 25 उंगुलियां होने की वजह मनीष की हंसी उड़ायें लेकिन मनीष इसे कुदरत का चमत्कार मानते हैं.अपने इसी विशेषता के बल पर वो गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कारना चाहते हैं.और इसी आधार पर सरकारी नौकरी में भी प्राथमिकता मांग रहे हैं.

पटना के कंकड़बाग के रहने वाले मनीष कुमार के हाथ में 14 अंगुलियां और पैर में भी 11 अंगुलियां है. कुल मिलाकर 25 अंगुलियां. इंसानों की श्रेणी में भी असाधारण दिखने वाला इंसान अब ना तो ठीक से चल पाता है और ना ही अपना काम कर पाता. लेकिन मनीष इसे अभिशाप नहीं बल्कि इश्वर का बरदान मानते हैं.. ये शख्स अपने हौसलों के दम पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में अपना नाम दर्ज कराने की जद्दोजहद कर रहा है.

कुदरत की इस नाइंसाफी की वजह से मनीष की शादी भी नहीं हो पा रही है. मां को भी अपने जवान बेटे की चिंता सता रही है कि उसे जीवन साथी मिलेगी या नहीं. 25 अंगुलियों की वजह से परिवार की मुफलिसी खत्म होने के वजाए बढ़ती ही जा रही है क्योंकि मनीष विकलांगता की वजह से कोई भी काम करने में असमर्थ है. मनीष ने नौकरी के लिए भी बिहार सरकार में कई बार आवेदन दिया लेकिन ना तो नौकरी मिली और ना ही आर्थिक मदद.

भले ही कुदरत ने मनीष के साथ मजाक किया लेकिन मनीष को पता चला कि कुदरत की ये नाइंसाफी ही इसे ऊंचा मुकाम दिला सकता है. मनीष ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में अपना नाम दर्ज कराने की कोशिश शुरू कर दी.मनीष अब तक दो बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड के लिए आवेदन दे चुके हैं. जिसका जवाब भी इन्हें मिल चुका है.

मनीष ने पहली बार 2011 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में अप्लाई किया था. तब मनीष से वीडियो फुटेज और कागजात मांगे गए. फिर से मनीष  ने 2017 में सारे प्रूफ के साथ अप्लाई किया है. अब मनीष को उम्मीद है कि ना सिर्फ इसकी विकलांगता बहुत जल्द वरदान बनने वाली है, बल्कि दुनिया की भीड़ में भी इसका नाम शुमार होने वाला है.

 

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

Comments are closed.