सिटी पोस्ट लाइव : मानसून की पहली बारिश ने ही पटना को पानी पानी कर दिया था.सरकार इतने डरे कि कोरोना के संक्रमण का सारा डर छू-मंतर हो गया.घर से भागे भागे पहुंचे शहर का जायजा लेने.जल जमाव का जायजा लिया.शंप हाउस का निरीक्षण किया.जैसे ही तेजस्वी यादव को जल जमाव की खबर मिली वो भी निकल गए सरकार को घेरने.लेकिन जबतक निकले पानी उतर चूका था.गए थे सरकार का पोल खोलने लेकिन महज 24 घंटे के भीतर ही पटना (Patna) की सड़कों से पानी छू-मंतर की तरह गायब हो गया.अब हर तरफ शहर में यहीं चर्चा है कि सरकार के पास कौन सी जादुई छडी है जिसे घुमाते ही जल-जमाव छू-मंतर हो गया.
पटना का राजवंशी नगर का इलाका हो, राजेन्द्र नगर मोहल्ला हो या फिर मोइनुल हक स्टेडियम. इनसभी जगहों से बारिश का पानी निकल चुका है.सवाल ये है कि बिहार सरकार के पास रातोंरात ऐसी कौन सी तकनीक हाथ लग गई कि 24 घंटे के भीतर ही सरकार के सिस्टम ने शहर का कायाकल्प कर दिया. 24 घंटे के अंदर पटना की जो बदली हुई तस्वीर सामने आई है वह हैरान कर देनेवाली है.राजवंशी नगर से लेकर राजेन्द्र नगर और फिर मोईनुल हक स्टेडियम में लगा हुआ पानी न जाने कहाँ गायब हो गया है.शहर के लोग खुश हैं.शहर के लोगों के बीच यहीं चर्चा है कि ये जादू कैसे हो गया. नीतीश बाबू ने कौन सा जादू कर दिया.क्या सरकार के मुखिया के सड़क पर उतर जाने से इतना बड़ा बदलाव आ सकता है.अगर सड़क पर सरकार नहीं उतरते तो क्या होता.
ये सोलह आने सच है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक दिन सड़क पर उतरने से गजब का कमाल हुआ है.नगर निगम से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी दिन रात सड़कों से पानी निकालने और संप हाउस को चुस्त दुरुस्त करने में जुटे हैं.अगर पिछले साल भी वो समय से सड़क पर निकल गए होते तो पटना डूबने से बच गया होता.गौरतलब है कि गुरुवार को पूरी रात हुई झमाझम बारिश से पटना की सड़कों पर जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई. ढाई महीने से घर से बाहर नहीं निकलने वाले नीतीश कुमार सुबह सुबह शहर का जायजा लेने निकल गए.अधिकारी तो हांफने लगे लेकिन शहर को हांफने से बचा लिया.
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