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कोरोना वायरस को लेकर भ्रामक खबरों का आतंक, इससे बचने का जानिए उपाय.

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कोरोना वायरस को लेकर भ्रामक खबरों का आतंक, इससे बचने का जानिए उपाय.

सिटीपोस्ट  लाइव : कोरोना वायरस या कोविड-19 से संक्रमण के दो नए मामले सामने आने के बाद भारत में इससे प्रभावित लोगों की कुल संख्या पाँच हो गई है.पिछले साल चीन में बड़े पैमाने पर फैली ये बीमारी अब पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गई है. भारत भी इसे लेकर हाई अलर्ट पर है.कोविड-19 को लेकर काफ़ी चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप ग्रुपों पर भी बहुत कुछ शेयर किया जा रहा है.इनमें से कुछ बातें सच हैं तो कुछ भ्रामक.

अभी तक भारत में पाँच मामले पॉज़िटिव पाए गए हैं. सोमवार को दो नए मामलों की पुष्टि हुई है.पिछले तीन मामले केरल में पाए गए थे. सभी का इलाज हो चुका है और उन्हें घर भेज दिया गया है. ये तीनों चीन से वापस भारत लौटे थे.दो नए मामलों में से एक दिल्ली का है और दूसरा तेलंगाना का. दोनों को एकांत में रखा गया है और इलाज किया जा रहा है. दिल्ली वाले मरीज़ ने हाल ही में इटली की यात्रा की थी और तेलंगाना वाला शख़्स दुबई से लौटा था.अभी कोरोना वायरस के 23 और सैंपलों की रिपोर्ट आनी बाक़ी है. सोमवार को दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने जानकारी दी कि इस मामले को लेकर उच्च स्तर पर निगरानी रखी जा रही है.

दिल्ली में संक्रमित पाए गए केस को लेकर अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. बस इतना ही पता है कि यह शख़्स इटली से लौटा है. इस शख़्स ने ख़ुद अपनी स्थिति की जानकारी दी और फिर उसका इलाज शुरू हुआ.तेलंगाना में पाए गए केस के बारे में वहां के स्वास्थ्य मंत्री ई. राजेंद्र ने कहा कि 17 फ़रवरी को इसने दुबई की यात्रा की थी. यह हॉन्ग कॉन्ग के सहयोगियों के साथ काम कर रहा था.यह शख़्स कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध लक्षण महसूस करने पर एक निजी अस्पताल में गया जहां से उसे सरकारी अस्पताल में भेज दिया गया. उसे अभी अलग-थलग रखा गया है जहां इलाज किया जा रहा है.यह मरीज़ एक बस के ज़रिये बेंगलुरू से हैदराबाद आया था. मंत्री ने बताया है कि बस के सभी 27 यात्रियों और उनके परिजनों का टेस्ट किया जा रहा है.इटली से लौटे एक अन्य शख़्स के सैंपल राजस्थान से जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं.

भारत ने कई क़दम उठाए हैं. भारत ने मुख्य और छोटे हवाई अड्डों और बंदरगाहों में स्क्रीनिंग करने का एलान किया था. ज़मीनी सीमाओं पर भी स्क्रीनिंग सिस्टम लगाए गए हैं.सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित 12 देशों से भारत आ रहे यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग हो रही है.शुरू में चीन, सिंगापुर, थाइलैंड, हॉन्ग कॉन्ग, जापान, दक्षिण कोरिया के यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही थी. अब वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, ईरान, इटली और नेपाल से आ रहे यात्री भी स्क्रीन किए जा रहे हैं.

ख़ास पुलों के माध्यम से इन देशों से आ रहे यात्रियों को स्क्रीनिंग के लिए ले जाया जाता है. अभी यह व्यवस्था 21 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों में हैं.डीजीसीए ने कहा है कि सभी एयरलाइन्स को निर्देश दिया गया है कि वे संक्रमित देशों से आने वाली उड़ानों में जागरूकता लाने वाली घोषणाएं करें और हिदायतों का सख़्ती से पालन करें.अभी तक 21 हवाई अड्डों पर साढ़े पाँच लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. भारत में 12 मुख्य और 65 छोटे बंदरगाहों में अब तक 12,431 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है.

अन्य देशों के साथ लगती ज़मीनी सीमाओं पर भी स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 10 लाख 24 हज़ार लोगों की स्क्रीनिंग की गई है.इन सीमाओं से लगते 3,695 गांवों को मॉनिटर किया जा रहा है.

भारतीयों को यात्रा करने से जुड़ी हिदायतें दी गई हैं?. भारत ने एक ट्रैवल अडवाइज़री जारी की है. चीन और ईरान के लिए जारी सभी वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं.सरकार ने इटली, कोरिया और सिंगापुर जाने को लेकर भी दिशानिर्देश जारी किए हैं. सरकार हालात को देखते हुए अन्य देशों को लेकर भी ऐसे क़दम उठा सकती है.अधिकारियों का कहना है कि भारतीय दूतावास यात्रा से जुड़े नियमों को लेकर लगातार अन्य देशों के संपर्क में है. सरकार ईरान और इटली की सरकारों के साथ मिलकर अपने नागरिकों को निकालने की योजना बना रही है.

स्वास्थ्य मंत्री ने अपील की है कि जिन देशों में कोरोना वायरस की मौजूदगी पाई गई है, उन देशों की यात्रा अगर हो सके तो टाल देनी चाहिए.भारत में कोरोना वायरस के संदिग्ध मामलों की पुष्टि के लिए 15 लैब्स हैं. मगर एक दो दिन में 19 और लैब्स काम करना शुरू कर देंगी.स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि वे ज़रूरत पड़ने पर 50 लैब्स शुरू करने के लिए तैयार हैं.दिल्ली के पास छावला में आईटीबीपी के परिसर में क्वॉरन्टीन सेंटर यानी लोगों को अलग से निगरानी में रखने के लिए केंद्र बनाया गया है. यहां चीन के वुहान ले लाए गए 112 और जापान से लाए गए 124 लोग रखे गए हैं.

सोमवार को दिल्ली में हुई मंत्रियों के समूह की बैठक में फ़ार्मा डिपार्टमेंट ने बताया है कि ज़रूरी दवाओं पर्याप्त स्टॉक है. ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले स्वास्थ्य अधिकारी लगातार उनके संपर्क में हैं जिन्हें घर पर ही अलग-थलग रखने की हिदायत दी गई है.अभी तक 25,738 लोगों को घर पर रहने के लिए कहा गया है. एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है- 011-23978046

भारत में हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमाओं पर स्क्रीनिंग की जा रही है. यहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तैनात किए गए हैं. 12 देशों से आ रहे यात्रियों को एक सेल्फ-डेक्लरेशन फॉर्म दिया जाता जिसमें उन्हें जानकारियां भरने के लिए कहा जाता है.फिर थर्मल स्कैनर के माध्यम से चेक किया जाता है कि कहीं उन्हें बुख़ार तो नहीं है. जिन्हें बुख़ार होता है, उन्हें डॉक्टर के पास ले जाया जाता है. फिर उनकी ट्रैवल हिस्ट्री का ब्योरा दर्ज किया जाता है और ब्लड सैंपल लिया जाता है.इसके बाद उन्हें गंभीरता के आधार पर एकांत में बनाए गए वॉर्ड में भेजा जाता है. जिन्हें बुख़ार नहीं होता, उन्हें अगले 14 दिन के अंदर कोई भी लक्षण मिलने पर नज़दीकी अस्पताल में संपर्क करने के लिए कहा जाता है.

बुख़ार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत… ये सभी या इनमें से कोई लक्षण हो सकता है.गंभीर मामलों निमोनिया और सांस लेने में बहुत ज़्यादा मुश्किल हो सकती है. कुछ दुर्लभ मामलों में इसका संक्रमण जानलेवा भी हो सकता है.इसके लक्षण सामान्य सर्दी ज़ुकाम जैसे होते हैं. इसीलिए टेस्ट करना ज़रूरी होता है ताकि पुष्टि हो सके कि संक्रमण कोरोना वायरस यानी कोविड-19 का ही है.

लगातार हाथ धोते रहें और ज़रूरत पड़े, तभी किसी शख़्स के शारीरिक संपर्क में आएं.स्वच्छता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है. भीड़भाड़ वाले इलाक़ों से बचें. आप मास्क भी पहन सकते हैं.छींकते या खांसते समय अपने चेहरे को ढककर रखें. अगर आपको शक है कि आपमें ऐसा कोई लक्षण है तो नज़दीकी अस्पताल में जाएं.अगर आपको सांस लेने से जुड़ी कोई दिक्कत है, आप छींक रहे हैं या खांसी है तो मास्क पहनने की सलाह दी जाती है ताकि बाक़ी लोग सुरक्षित रहें.अगर आपको ऐसे कोई लक्षण नहीं हैं तो मास्क पहनने की ज़रूरत नहीं है.

अगर आप मास्क पहन रहे हैं तो इन्हें सही ढंग से पहनना और इनका सही ढंग से निपटाना करना ज़रूरी है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जाए.सिर्फ़ मास्क पहन लेने से ही इन्फ़ेक्शन फैलने से नहीं रुकता. साथ में आपको लगातार हाथ धोने होंगे, छींकते और खांसते समय मुंह ढकना होगा और ज़ुकाम जैसे लक्षणों से जूझ रहे व्यक्तियों के ज़्यादा क़रीब जाने से बचना होगा.

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