सिटी पोस्ट लाइव : डॉ. आदित्य कुमार पटना के पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित एशियन सिटी मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में कॉर्डियोलॉजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ) हैं। इन्होंने मणिपाल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस किया है और पीएमसीएच(पटना) से एमडी(मेडिसिन)। एसएन मेडिकल कॉलेज से कॉर्डियोलॉजी में डीएम की उपाधि प्राप्त की है। मूलत: बिहार के मधुबनी के रहनेवाले हैं, लेकिन स्कूली शिक्षा पटना के केंद्रीय विद्यालय(बेली रोड) से हुई है। मेडिकल की पढ़ाई खत्म करने के बाद डॉ. आदित्य पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर और कोलकाता के अस्पतालों में सेवा दी। फिलवक्त पटना में हैं और एशियन सिटी अस्पताल में सेवा दे रहे हैं।
प्रश्न : हृदय रोग कितने तरह के होते हैंं? किस तरह के रोग इसमें आते हैं?
उत्तर : इसमें कई तरह के रोग आते हैं। जैसे-वंशानुगत हृदय रोग। वंशानुगत हृदय रोग में हृदय का सही विकास नहीं हुआ होता है या वाल्व खराब हो सकता है। हृदय में छेद या वाल्व सिकुड़ा हुआ, भी वंशानुगत में आता है। हृदय में चार चेंबर होते हैं। कई लोग में दो ही होता है। यह भी वंशानुगत हृदय रोग है। हृदय की मांसपेशी सही से काम नहीं करना, हर्ट अटैक, अचानक कार्डियक अरेस्ट, छाती दर्द, पूर्ण हृदय अवरोध, सीक साइनस सिंड्रोम आदि प्रमुख हृदय की बीमारियां है। पूर्ण हृदय अवरोध और सीक साइनस सिंड्रोम में हृदय कम गति से धड़कता है। इसमें चक्कर आना, तुरंत थक जाना, सांस फूलना आदि प्रमुख लक्षण होते हैं।
प्रश्न : हर्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर है?
उत्तर : किसी व्यक्ति को अचानक छाती का दर्द शुरू हो गया। लेकिन वह होश में है और रक्तचाप तथा पल्स रेट सामान्य है तो यह हर्ट अटैक होता है। कार्डियक अरेस्ट में व्यक्ति तेज छाती दर्द के बाद होश खो देता है। पल्स नहीं मिलता है। रक्तचाप भी पता नहीं चलता।
प्रश्न : यदि किसी को हर्ट या कार्डियक अरेस्ट हो तत्काल क्या करे?
उत्तर : इसमें तत्काल पल्स भी चेक करना चाहिए। मरीज के छाती के बीच तेज गति से पुश करना चाहिए। इसे सीपीआर बोलते हैं। मरीज को तत्काल इको-स्प्रीन-75 एमजी की चार गोलियां देनी चाहिए। इसे चबाकर खाना होता है। फिर तत्काल उपर्युक्त अस्पताल जहां हृदय रोग का इलाज मौजूद हो वहां ले जाना चाहिए। एक घंटा के अंदर मरीज को कैथ लैब वाले अस्पताल में ले जाना चाहिए। मरीज का तत्काल एंजियोग्राफी टेस्ट कर के एंजियोप्लास्टि करना चाहिए।
प्रश्न : किसी को हर्ट अटैक होता है तो क्या इलाज होता है?
उत्तर : पहले ईसीजी कर के देखा जाता है कि किस तरह का हर्ट अटैक है। एंजियोग्राफी जांच की जाती है। इसमें ब्लॉकेज(अवरोध) का प्रतिशत देखा जाता है। 70 प्रतिशत से अधिक ब्लॉकेज होने पर एंजियोप्लास्टी किया जाता है। इसमें हृदय के नस में स्टैंट लगाया जाता है।
प्रश्न : कार्डियक अरेस्ट में क्या इलाज होता है?
उत्तर : पहले तो तुरंज छाती को पुश किया जाना चाहिए। अर्थात सीपीआर देना चाहिए। फिर तत्काल कैथ लैब वाले अस्पताल में शिफ्ट किया जाना चाहिए। वहां मरीज को शॉक थेरेपी दी जाती। रक्तचाप बढ़ाने की दवा दी जाती है। मरीज को वेंटिलेटर पर रखा जाता है।
प्रश्न : क्या कार्डिय अरेस्ट और हर्ट अटैक दोनों में हृदय को नुकसान होता है?
उत्तर : कार्डियक अरेस्ट का मतलब बहुत बड़ा हृदयाघात। इसमें जान जाने का खतरा ज्यादा होता है। दोनों में हृदय को नुकसान पहुंचता है।
प्रश्न : हृदय रोग न हो, इसके लिए आम आदमी क्या करे?
उत्तर : जीवन शैली में परिवर्तन, वजन सामान्य रखना, मधुमेह व रक्तचाप को नियंत्रित रखना और नशा से दूर रहना। ज्यादा वसा युक्त या कोलेस्ट्राल बढ़ानेवाला आहार न लें। मैदा का भी सेवन न करें। सप्ताह में कम से कम पांच दिन आधा घंटा तेजी से टहलें। 40 वर्ष से अधिक आयु के हैं तो हृदय का रेगुलर जांच कराते रहें। यदि जांच पॉजिटिव हो तो एंजियोग्राफी जांच करवाएं।
प्रश्न : हृदयाघात होने पर इलाज में कितना खर्च आता है?
उत्तर : एशियन अस्पताल में तो एंजियोग्राफी टेस्ट में आठ हजार लगता है। वैसे पूरा पैकेज 1.30 लाख रुपए का होता है। इसमें तीन दिन मरीज को भर्ती रखा जाता है।
प्रश्न : हृदय रोग में पटना या बिहार की क्या स्थिति है?
उत्तर : पटना या बिहार में कोविड के बाद हृदय रोग का खतरा बढ़ा है। शरीर में शुगर और कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ रही है।
प्रश्न : पोस्ट कोविड में किस तरह के केस आ रहे हैं?
उत्तर : कम उम्र के भी लोग का शुगर और कोलेस्ट्राल स्तर बढ़ा हुआ पाया जा रहा है। इसलिए जिन्हें कोरोना हो गया हो वो अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
प्रश्न : कोरोना का वैक्सीन कितना जरूरी है?
उत्तर : कोरोना का वैक्सीन घातक स्थिति से हमें बचाता है। इसलिए सब को वैक्सीन लेना चाहिए। जिनको उच्च रक्तचाप या मधुमेह हैं, उन्हें जल्दी लेना चाहिए।
प्रश्न : यदि किसी को हृदय रोग, किडनी की बीमारी, कैंसर आदि हो तो क्या उसे कोरोना का टीका लेना चाहिए?
उत्तर : ऐसे लोगों को तो प्राथमिकता के आधार पर टीका लेना चाहिए। इनको कोरोना से ज्यादा खतरा होता है।
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